पाला पड़ने से इस बार बंपर होगी गेहूं की पैदावार
जागरण संवाददाता मोदीनगर इस समय पड़ रही कड़ाके की ठंड जहां लोगों को परेशान कर र
जागरण संवाददाता, मोदीनगर :
इस समय पड़ रही कड़ाके की ठंड जहां लोगों को परेशान कर रही है। वहीं, बढ़ती सर्दी किसानों के लिए फायदा लेकर आई है। कृषि क्षेत्र के जानकारों का मानना है कि इस बार गिरता तापमान और रात्रि में पड़ रहा पाला गेहूं के विकास के लिए बेहतर है। इस बार गेहूं की पैदावार निश्चित ही बंपर होगी। जिले में ईख के बाद दूसरे नंबर पर किसान गेहूं की खेती को तरजीह देते हैं। अधिकांश किसानों ने इस बार गेहूं की बुआई समय से ही कर दी थी। इस समय कुछ किसान फसलों को दूसरा पानी भी दे रहे हैं। बुआई के समय तापमान की अनुकूलता के कारण फसल का ब्यांत अर्थात विकास भी शुरू से ही सही चल रहा है। जनवरी के शुरू में बारिश और बूंदा-बांदी से भी गेहूं को फायदा मिला। अब रात्रि और दिन के तापमान में ज्यादा अंतर नहीं है। सूर्य देवता के दिन में कम ही ही दर्शन हो रहे हैं। एक सप्ताह से लगातार रात को पाला पड़ रहा हैं, जो गेहूं के लिए बेहद फायदेमंद बताया जा रहा है। मौसम विशेषज्ञ अगले एक सप्ताह तक मौसम ऐसे ही बने रहने की संभावना जता रहे हैं। इससे तय है कि जनवरी के अंत तक गेहूं का विकास पूरा हो जाएगा और फरवरी में बाली बाहर आ जाएगी। वरिष्ठ कृषि विज्ञानी डा. डीके सचान का कहना है कि पाला और लगातार गिर रहा तापमान गेहूं के लिए बेहतर है। निश्चित रूप से फसल का विकास बेहतर होगा तो पैदावार भी बंपर होगी। मौसम की अनुकूलता फसल के उत्पादन में अहम भूमिका निभाती है।
-सरसों, मटर के लिए थोड़ा नुकसान:
पाले के साथ कोहरा भी लगातार पड़ रहा है। इस समय सरसों, मटर, मसूर पर फूल आ रहे हैं। कृषि विज्ञानी डॉ. अरविद यादव कहते हैं कि पाले व कोहरे से सरसों, मसूर और मटर को थोड़ा नुकसान पहुंच रहा है। सूरज के नहीं निकलने से नमी अधिक हो जाती है और फूल में फली बनने के बजाय उसमें गलन शुरू हो जाती है। ऐसे में किसानों से अपील है कि वे खेतों की जल्दी-जल्दी सिचाई करके जमीन में नमी सामान्य रखें। ताकि जमीन का तापमान बढ़ा रहे। थोड़ी सावधानी किसानों को होने वाले नुकसान से बचा सकती है।