डसॉल्ड मिस्टेर बांबर विमान की दुर्गति पर नहीं टूटी नींद
देश की वायु सेना के बेड़े में शामिल होकर भारत-पाक 1965 युद्ध में हीरो की भूमिका निभाने वाले युद्धक विमान डसॉल्ट मिस्टेर की हालत कभी ऐसी भी होगी शायद इस पर सवार वायु सेना जवानों ने नहीं सोची होगी। ¨हडन एलिवेटेड रोड एंट्री पाइंट पर किसी सुरक्षा के बिना रखे विमान की लोगों ने जमकर दुर्गति की, और इसके कई पार्टस गायब कर दिए। दैनिक जागरण ने देश के गौरव रहे मिस्टेर बांबर विमान की इस दुर्गति पर अभियान के तौर लाइव कवरेज किया। इसमें नगर निगम या पुलिस-प्रशासन की नींद तो नहीं टूटी, लेकिन ऐसे लोगों को खुद ही कुछ शर्म आई है, जिसके चलते इस पर चढ़ने वालों की संख्या में जरूर कमी आई है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : देश की वायु सेना के बेड़े में शामिल होकर 1965 युद्ध में हीरो की भूमिका निभाने वाले युद्धक विमान डसॉल्ट मिस्टेर की हालत कभी ऐसी भी होगी शायद इस पर सवार वायु सेना जवानों ने नहीं सोची होगी। ¨हडन एलिवेटेड रोड एंट्री पाइंट पर किसी सुरक्षा के बिना रखे विमान की लोगों ने जमकर दुर्गति की, और इसके कई पार्ट्स गायब कर दिए। दैनिक जागरण ने देश के गौरव रहे मिस्टेर बांबर विमान की इस दुर्गति पर अभियान के तौर लाइव कवरेज की। इसमें नगर निगम या पुलिस-प्रशासन की नींद तो नहीं टूटी, लेकिन ऐसे लोगों को खुद ही कुछ शर्म आई है, जिसके चलते इस पर चढ़ने वालों की संख्या में जरूर कमी आई है।
भारतीय वायु सेना के लिए सरकार ने 1957 में डसॉल्ट मिस्टेर बांबर विमान फ्रांस से खरीदे थे। इन विमानों ने 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में भारत की जीत सुनिश्चित करने में खास भूमिका अदा की थी। इसी विमान के पायलट को 23 साल बाद उन्हें मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया था। वर्ष 1973 में वायु सेना के बेड़े से इसे रिटायर किया गया। इनमें से एक विमान को गाजियाबाद के डीपीएसजी स्कूल के प्रांगण में रखा गया, जहां से गत 13 जनवरी को इसे एलीवेटेड रोड के एंट्री पाइंट पर रखा गया, लेकिन इसकी देखरेख या सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किया गया। यही वजह रही कि लोगों ने विमान के गौरवशाली इतिहास को भुलाकर इसकी दुर्गति करना शुरू कर दिया। दो दिन बाद ही इसके कई पार्ट्स गायब कर दिए। स्थानीय निगम, पुलिस-प्रशासन की नींद अभी तक नहीं टूटी। विमान के पार्ट्स गायब होने की खबर के बावजूद इसे देखने के लिए कोई अधिकारी कर्मचारी नहीं पहुंचा।