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Noida Ghaziabad Metro Link: दिल्ली मेट्रो से जुड़ेंगे नोएडा-गाजियाबाद, यूपी सरकार हुई सक्रिय

Noida Ghaziabad Metro Link सोमवार को होने वाली बैठक में फंडिंग पैटर्न पर विचार विमर्श होगा। सब कुछ ठीक रहा तो निर्णायक नतीजे सामने आ सकते हैं।

By JP YadavEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 02:04 PM (IST)Updated: Sat, 11 Jul 2020 02:04 PM (IST)
Noida Ghaziabad Metro Link: दिल्ली मेट्रो से जुड़ेंगे नोएडा-गाजियाबाद, यूपी सरकार हुई सक्रिय
Noida Ghaziabad Metro Link: दिल्ली मेट्रो से जुड़ेंगे नोएडा-गाजियाबाद, यूपी सरकार हुई सक्रिय

गाजियाबाद [आशीष गुप्ता]। Noida Ghaziabad Metro Link: नोएडा इलेक्ट्रॉनिक सिटी से साहिबाबाद और वैशाली से मोहननगर तक ब्ल्यू लाइन मेट्रो कॉरिडोर को विस्तार देने के लिए शासन फिर से सक्रिय हुआ है। आगामी सोमवार को इस मामले में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अहम बैठक होने जा रही है। आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के प्रमुख सचिव दीपक कुमार (Deepak Kumar, Principal Secretary, Housing and Urban Planning Department) की अध्यक्षता में बैठक होगी। इसमें दिल्ली मेट्रो रेल निगम (Delhi Metro Rail Corporation) प्रजेंटेशन देगी। फंडिंग पैटर्न पर विचार विमर्श होगा। सब कुछ ठीक रहा तो निर्णायक नतीजे सामने आ सकते हैं।

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जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि दोनों कॉरिडोर को विस्तार देने की डीपीआर पहले ही तैयार हो चुकी है। डीपीआर के अनुसार इस परियोजना पर 3325.22 करोड़ रुपये की लागत आएगी। जीडीए ने इस परियोजना के लिए जो फंडिंग पैटर्न प्रस्तावित किया है, उसमें राज्य सरकार से 1662.62 करोड़ रुपये अंशदान की मांग की है।

बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार से 462.93 करोड़ रुपये और रोलिग स्टॉक के लिए डीएमआरसी से 387.71 करोड़ रुपये अंशदान की आवश्यकता बताई है। जीडीए ने अपना 381.63, नगर निगम का 138.03, आवास विकास परिषद का 243.60 और यूपीएसआइडीसी का 48.72 करोड़ रुपये अंशदान प्रस्तावित किया गया है।

डीएमआरसी अंशदान के लिए तैयार नहीं

रोलिंग स्टॉक के लिए डीएमआरसी अंशदान देने को तैयार नहीं है। उनकी तरफ से जीडीए को बताया जा चुका है कि पॉलिसी में बदलाव होने के चलते किसी नई परियोजना में वह दिल्ली से बाहर रोलिंग स्टॉक के लिए फंड नहीं कर सकते। वहीं जीडीए का तर्क है कि यह पुरानी लाइनों का विस्तार है, नई परियोजना नहीं है। ऐसे में रोलिंग स्टॉक के लिए फंडिंग होनी चाहिए। 

अगर नोएडा और गाजियाबाद दोनों शहर मेट्रो के जरिये जुड़े गए तो इससे हजारों लोगों को रोजाना फायदा होगा। खास कर समय और पैसे दोनों की बचत होगी।


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