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भूमाफिया पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन का ऑपरेशन चक्रव्यूह

जिले में भूमाफिया पर लगाम कसने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया है। अब नई योजना के माध्यम से न केवल भूमाफिया पर लगाम कसी जाएगी बल्कि पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र न्याय भी मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Wed, 11 Sep 2019 06:56 PM (IST)Updated: Wed, 11 Sep 2019 06:56 PM (IST)
भूमाफिया पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन का ऑपरेशन चक्रव्यूह
भूमाफिया पर शिकंजा कसने के लिए प्रशासन का ऑपरेशन चक्रव्यूह

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जिले में भूमाफिया पर लगाम कसने के लिए जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया है। नई योजना के माध्यम से न केवल भूमाफिया पर लगाम कसी जाएगी बल्कि पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र न्याय भी मिलेगा। भूमि संबंधी मामलों की शिकायतों में संयुक्त रूप से जांच कर कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी ने सात खंडों का एक विशेष प्रारूप तय किया है। इसके अंतर्गत एक ही मामले की जांच सब-रजिस्ट्रार, पुलिस, तहसीलदार, एसडीएम व एडीएम एक साथ करेंगे। इससे मामले की जांच में विभिन्न निष्कर्ष निकलने की बजाए एक ही हल निकलेगा। इस अभियान में मुख्य रूप से लोनी तहसील को रखा गया है, प्रशासन ने पूर्व में पाया है कि लोनी में भूमाफिया अधिक सक्रिय हैं और वह लोगों के साथ अधिक ठगी करते हैं।

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जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने बताया कि पिछले करीब दो माह के कार्यकाल में उन्होंने शिकायतों की तरफ फोकस किया तो अधिकांश शिकायतें भूमि संबंधी निकली हैं। इनमें भूमाफिया विभिन्न हथकंडों से लोगों के साथ ठगी करते हैं। इसमें मुख्यरूप से एक जमीन का कई लोगों के नाम बैनामा कर देना, मौके पर कब्जा किसी सरकारी जमीन पर करा देना, फर्जी पावर ऑफ अटोर्नी के नाम से किसी दूसरे के नाम पर रजिस्ट्री करा देने जैसी शिकायतें मिली हैं। इसके बाद जिलाधिकारी ने ऑपरेशन चक्रव्यूह तैयार किया है। इस ऑपरेशन को 21 सितंबर से शुरू किया जाएगा। इसमें एक शिकायत के लिए सात खंड बनाए गए हैं। पहले व दूसरे खंड को शिकायतकर्ता भरेगा, इसमें भूमि का विवरण व पूर्व की शिकायत के बारे में उल्लेख किया जाएगा। तीसरा खंड सब रजिस्ट्रार कार्यालय भरेगा, इसमें बैनामे से संबंधित सूचना भरी जाएगी। चौथा खंड तहसील द्वारा भरा जाएगा, इसमें बैनामे में अंकित अभिलेखीय स्थिति भरी जाएगी, इसके साथ ही जमीन से संबंधित विवाद किसी न्यायालय में विचाराधीन तो नहीं है भरा जाएगा। पांचवे खंड में एसडीएम संबंधित प्रकरण के बारे में संस्तुति करेंगे। छठे खंड में थाने द्वारा पूर्व में की गई शिकायत का उल्लेख किया जाएगा और सातवें खंड में एडीएम भरा जाएगा, वह इसमें आवेदक की संतुष्टि के बारे में लिखेंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि इस प्रारूप को बनाने का उद्देश्य है कि पूर्व में जो शिकायतें आती थीं, उनमें पूरे तथ्य नहीं होते थे, इसलिए जांच में कठिनाई आती थी। नए प्रारूप के माध्मय से शिकायतों को ऑनलाइन भी दर्ज किया जा सकेगा और इसकी मॉनिटरिग भी हो सकेगी। पूर्व में सभी विभाग अलग-अलग दिशा में जांच करते थे, इससे निष्कर्ष तक पहुंचने में कठिनाई आती थी। नए प्रारूप के माध्यम से जांच सही दिशा में होगी और सही हल पर पहुंच सकेंगे। - जमीन संबंधी काफी शिकायतें प्राप्त हो रही हैं। जिले में भूमाफिया लोगों के साथ जमीन की खरीद-फरोख्त में धोखाधड़ी कर रहे हैं। भूमाफिया पर शिकंजा कसने और पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए यह अभियान शुरू किया जा रहा है।

अजय शंकर पांडेय, जिलाधिकारी


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