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डीएम ने 100 रुपये देकर खरीदे मिट्टी के 50 दीये

जागरण संवाददाता गाजियाबाद प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संदेश देने के लिए प्रशासन ने शुक्रव

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 06:14 PM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 06:14 PM (IST)
डीएम ने 100 रुपये देकर खरीदे मिट्टी के 50 दीये
डीएम ने 100 रुपये देकर खरीदे मिट्टी के 50 दीये

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : प्रदूषण मुक्त दीपावली मनाने का संदेश देने के लिए प्रशासन ने शुक्रवार को एक अनोखी पहल की। जिलाधिकारी अजय शंकर पांडेय ने कलक्ट्रेट परिसर में मिट्टी के दीयों व तस्वीरों की स्टाल लगवाए और कलक्ट्रेट में आने वालों को प्रदूषण मुक्त दीवाली मनाने व मिट्टी के दीये जलाने और तांबे का सामान उपहार में देने की अपील की। सबसे पहले जिलाधिकारी स्टॉल पर पहुंचे और अपनी जेब से 100 रुपये निकालकर मिट्टी के 50 दिये खरीदे। इसके बाद अन्य अधिकारियों ने भी दीये व तस्वीर खरीदीं। अधिकारियों ने कलक्ट्रेट में आने वाले फरियादियों को 10-10 दीपक दीवाली के उपहार में दिए।

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जिलाधिकारी ने बताया कि एनसीआर में बढ़ते हुए प्रदूषण के मद्देनजर एनजीटी ने 30 नवंबर तक पटाखों पर पाबंदी लगाई है। यह संदेश जनता तक पहुंचाने के लिए यह पहल की गई। उन्होंने बताया कि मिट्टी से बने दीयों की बिक्री बढाने के उद्देश्य से कलेक्ट्रेट में यह व्यवस्था शुरू की गई है। उन्होंने जिले बढ़ रहे वायु प्रदूषण को देखते हुए यह अपील की है कि लोग त्योहार को पटाखों के बजाय दीये जलाकर सादगी के साथ मनाएं, जिससे वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाया जा सके। इसके बाद उनसे प्रेरित होकर कलेक्ट्रेट व विकास भवन के अधिकारियों व कर्मचारियों ने भी स्टाल से दीये खरीदे। शुक्रवार को जिलाधिकारी से मिले तो भी फरियादी आए उन्हें 10 दीये उपहार में दिए गए। डीएम ने सभी से कहा कि बाहर लगे स्टाल से दीये खरीदे और पटाखों की जगह दीये जलाएं। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने अपील की है कि अगर आपके यहां कोई व्यक्ति गिफ्ट लेकर आए तो उसे रिर्टन गिफ्ट के रूप में 1000 दीये दें।

इस मौके पर मुख्य विकास अधिकारी अस्मिता लाल, एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव, एडीएम प्रशासन संतोष कुमार वैश्य, एडीएम एलए कमलेश कुमार, एसडीएम सदर देवेंद्र पाल सिंह समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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कलक्ट्रेट में हुई लाखों दियों की बिक्री

कलक्ट्रेट में लगे स्टाल की जानकारी होने पर आम लोग भी स्टाल पर पहुंचने लगे और दीये खरीदने लगे। कुछ देर में ही यहां काफी खरीदार एकत्र हो गए। दीयों की कमी पड़ने पर कर्मचारियों ने अन्य विक्रेताओं को बुलाया और उनसे दीयों की बिक्री कराई। इस दौरान लाखों की संख्या में दीयों की बिक्री हुई।


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