बिजली लाइनलॉस पर जिला ग्रीन, ओरेंज व रेड जोन बांटा
बिजली के लाइनलोस मामलों को लेकर सरकार ने सख्ती दिखाई है। बढ़ते लाइनलोस को देखते हुए नगरीय व देहात क्षेत्रों को तीन जोन में बांटा है। इसमें ग्रीन ऑरेंज व रेड जोन शामिल हैं। लाइनलॉस मामले में नगरीय क्षेत्रों में जहां 31 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं देहात क्षेत्र में इनकी संख्या 127 है। मोदीनगर मुरादनगर व लोनी में लाइनलोस के मामले अधिक हैं।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : बिजली के लाइनलॉस मामलों को लेकर सरकार ने सख्ती दिखाई है। बढ़ते लाइनलॉस को देखते हुए नगरीय व देहात क्षेत्रों को तीन जोन में बांटा है। इसमें ग्रीन, ऑरेंज व रेड जोन शामिल हैं। लाइनलॉस मामले में नगरीय क्षेत्रों में जहां 31 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं, देहात क्षेत्र में इनकी संख्या 127 है। मोदीनगर, मुरादनगर व लोनी में लाइनलॉस के मामले अधिक हैं।
बढ़ते विद्युत लाइनलॉस के मामले को लेकर सरकार ने अप्रैल 2019 से मार्च 2020 की रिपोर्ट के आधार पर जनपद के नगरीय व देहात क्षेत्र को ग्रीन, ऑरेंज व रेड जोन में बांटा गया है। इसमें नगरीय क्षेत्र की बात करें तो यहां ग्रीन क्षेत्र में चार विद्युत उपकेंद्र हैं। वहीं ऑरेंज जोन में कोई नहीं है, जबकि रेड जोन में 27 उपकेंद्र शामिल हैं। देहात क्षेत्र में ग्रीन में 79, ऑरेंज में 21 व रेड में 27 विद्युत उपकेंद्रों को शामिल किया गया है। मार्च के बाद से लॉकडाउन जारी है। बढ़े लाइनलोस वाले रेड जोन के विद्युत उपकेंद्रों को लेकर अफसरों की चिता भी बढ़ गई। लाइनलॉस कम करने के लिए उपकेंद्रों के संबंधित अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। ताकि लाइनलोस को कम किया जा सके।
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फाल्ट से निपटने को आठ टीम तैयार
आंधी-बारिश व गर्मी के मौसम में लोकल फाल्ट से निपटने की तैयारी विद्युत निगम ने की है। इसके लिए टीम बना कर अलग-अलग टीमों को जिम्मेदारी दी हुई है। उन्होंने बताया कि ट्रांसफार्मर पर चल रहे लोड को लेकर फाल्ट में 8 लोगों की एक टीम बनाई गई है। जो कि 24 घंटे इसी कार्य में लगी रहती है।अगर कहीं भी किसी प्रकार का फाल्ट हो जाए तो ये टीम उसको जल्द से जल्द ठीक कर देती है। अंडर ग्राउंड लाइन में फाल्ट के लिए विद्युत निगम के पास इलेक्ट्रॉनिक मशीन मौजूद है, जिनसे फाल्ट का पता जल्दी चल जाता है।
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हालांकि प्रदेश की बात करें तो गाजियाबाद में लाइनलॉस के हिसाब से निचले पायदान पर है। यहां देहात इलाकों में लाइनलॉस के कुछ मामले हैं, जिन्हें कम करने के लिए योजना तैयार की जा रही है। इसके लिए संबंधित बिजलीघरों पर तैनात अफसर व कर्मचारियों को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही उपभोक्ताओं को इसके लिए जागरूक किया जा रहा है कि बिजली चोरी की जानकारी विद्युत निगम के साथ साझा करें।
- आरके राणा, चीफ इंजीनियर