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शो पीस बने पेड़ों से बनाई दूरी, अब फल-फूल व ऑक्सीजन देने वाले पौधों से बढ़ी करीबी

जागरण संवाददाता साहिबाबाद ट्रांस हिडन में सड़कों के किनारे व सेंट्रल वर्ज में विदेशी पे

By JagranEdited By: Published: Fri, 03 Jul 2020 06:21 PM (IST)Updated: Fri, 03 Jul 2020 06:21 PM (IST)
शो पीस बने पेड़ों से बनाई दूरी, अब फल-फूल व ऑक्सीजन देने वाले पौधों से बढ़ी करीबी
शो पीस बने पेड़ों से बनाई दूरी, अब फल-फूल व ऑक्सीजन देने वाले पौधों से बढ़ी करीबी

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद :

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ट्रांस हिडन में सड़कों के किनारे व सेंट्रल वर्ज में विदेशी पेड़-पौधे दिखाई देते हैं, जो केवल शो पीस बने हुए हैं। ऐसे पेड़-पौधे लोगों के साथ पर्यावरण के लिए भी हानिकारक हैं। इस बात से लोग वाकिफ हो रहे हैं। अब लोग विदेशी पौधे लगाने की जगह पीपल, बरगद, नीम, कदम, अशोक, शीशम, जामुन, आम, पिलखन, सागवान, सिरस आदि के पौधे लगा रहे हैं, जिससे लोगों को ऑक्सीजन मिले और पर्यावरण को भी फायदा हो।

नगर निगम गाजियाबाद विकास प्राधिकरण और तमाम बिल्डरों की ओर से ट्रांस हिडन में विकास करने के लिए विदेशी पौधे लगाए गए। तमाम सोसायटियों समेत ट्रांस हिडन के विभिन्न सड़कों के किनारे व सेंट्रल वर्ज में लगे पौधे केवल शो पीस हैं, जो केवल दिखावे की हरियाली है। वहीं, पर्यावरणविद योगेश रावत का कहना है कि शिप्रा सनसिटी सोसायटी समेत ट्रांस हिडन में जगह-जगह अलस्टोनिया, फेनसाई, सेमल, पांखड़, बबूल आदि के पेड़ लगे हैं। इन पेड़ पौधों से छांव, ऑक्सीजन, लकड़ी नहीं मिलती है। अलस्टोनिया नाम का पेड़ यूरोप का है। इस पेड़ की फली से रेशे उड़ते हैं, जो सांस लेने वाले मरीजों के लिए बेहद खतरनाक है। इसके फूल की खुशबू इतनी तेज होती है कि लोगों को एलर्जी होने लगती है। ऐसे में यह पेड़ लोगों के साथ वातावरण के लिए भी हानिकारक हैं। सेमल की जड़ें नीचे नहीं चारों तरफ जमीन में फैल जाती हैं। इससे फुटपाथ-दीवार की नींव को भी नुकसान होता है। बरगद, पीपल व नीम के पौधे जरूर लगाएं: जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों को देखते हुए पिछले कुछ सालों से लोगों का रुझान ऑक्सीजन देने वाले व ईको फ्रेंडली पौधे रोपने की ओर बढ़ा है। लोग पीपल, बर्गद, नीम, कदम, अशोक, शीशम, जामुन, आम, इमली, पिलखन, सागवान, सिरस आदि के पौधे लगा रहे हैं। गाजियाबाद विश्व के प्रदूषित शहरों की सूची में है। ऐसे में पर्यावरणविद डॉ. जितेंद्र नागर का कहना है कि गाजियाबाद में पीपल, बरगद व नीम के पौधे लगाना बेहद जरूरी है। ऑक्सीजन देने वाले अन्य पौधे ज्यादा संख्या में लगाएं जाएंगे तो अच्छी बारिश होगी, वातावरण में ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में हो। इससे वायु प्रदूषण के स्तर में भी गिरावट आएगी। पेड़-पौधे लगाकर ही वायुमंडल में कॉर्बनडाई ऑक्साइड और ऑक्सीजन का संतुलन बनाया जा सकता है। बारिश होने में, ग्लोबल वार्मिग को बनाए रखने में, प्रदूषण को रोकने में पौधे सहायक हैं। साथ ही पीपल बरगद और नीम के पेड़ अवश्य लगाएं। विदेशी और शो पीस वाले पौधे लगाने से बचें। वन क्षेत्र बढ़ने से कागज व फर्नीचर इंडस्ट्री को बढ़ावा भी मिलेगा। पौधे लगाने वालों को आर्थिक लाभ भी होगा।

- डॉ. जितेंद्र नागर पर्यावरणविद


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