बर्खास्त पीआरडी जवान ने फर्जी लेटर पैड से पत्र लिखकर डीएम से मांगी सुरक्षा
साक्ष्य जुटाकर जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।
जासं, गाजियाबाद : बर्खास्त पीआरडी (प्रांतीय रक्षा दल) जवान ने फर्जी संगठन के लेटर पैड पर पत्र लिखकर संगठन के फर्जी प्रांतीय रक्षा दल के प्रदेश अध्यक्ष के लिए सुरक्षा की मांग की। आरोपित ने फर्जी प्रांतीय रक्षा दल संगठन का खुद को जिलाध्यक्ष बताया, जबकि विभाग का इस प्रकार का कोई संगठन नहीं है। जिला युवा कल्याण अधिकारी ने तीन लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कराया है।
जिला युवा कल्याण अधिकारी व प्रादेशिक विकास दल अधिकारी ऋषि कुमार ने बताया कि मुरादनगर के खिदोड़ा निवासी उमेश त्यागी को साल 2019 में अनुशासनहीनता और अवैध वसूली करने करने पर आलाधिकारियों ने बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्त होने के बाद भी आरोपित ने अवैध तरीके से वसूली करनी बंद नहीं की। आरोपित एक फर्जी पीआरडी संघ चला रखा है, जबकि पीआरडी का कोई संगठन नहीं है। आरोपित ने दस जुलाई 2020 को फर्जी संगठन के लेटर पैड का इस्तेमाल कर जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय को पत्र लिखा। पत्र में आरोपित ने फर्जी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष शमशेर अहमद के जनपद में आने पर सुरक्षा उपलब्ध कराने की मांग की। लेटर मिलने पर जिला प्रशासन में हड़कंप मच गया। जिला अधिकारी अजय शंकर पांडेय ने इस संबंध उनसे जानकारी मांगी। उन्होंने जिला अधिकारी को पूरी सच्चाई से अवगत करा दिया। इस प्रकार आरोपितों ने जिलाधिकारी को गुमराह किया है। इसके अलावा आरोपित पर हापुड़ में हत्या के प्रयास का केस दर्ज है। हापुड़ पुलिस ने आरोपित को जेल भी भेजा था। सिहानी गेट थाने में भी आरोपित के खिलाफ केस दर्ज है। गाजियाबाद में पीआरडी के 104 जवान हैं, जो विभिन्न थानों व अन्य विभागों में तैनात हैं। इसके बाद उन्होंने इस संबंध में विभाग की अपर मुख्य सचिव को अवगत कराया। उन्होंने थाने में उमेश व उसके साथी जितेंद्र और विपिन कुमार के खिलाफ तहरीर दी है। एसएचओ मोहम्मद असलम ने बताया कि आरोपितों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य धाराओं में केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। साक्ष्य जुटाकर जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा। इस तरह होती है अवैध वसूली
जिला युवक कल्याणा अधिकारी ने बताया कि आरोपित पीआरडी के तहत नौकरी दिलाने व नौकरी कर रहे पीआरडी जवानों का ट्रांसफर व पोस्टिंग के नाम पर अवैध वसूली करता है। उन्हें विभिन्न प्रकार के लालच देता है। उन्हें पिछले दो साल से आरोपित की शिकायत मिल रही थी। लखनऊ से आला अफसरों ने इस प्रकार के संगठन बनाकर अवैध वसूली करने वालों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद से विभाग ऐसे लोगों को चिह्नित कर रहा है।