Move to Jagran APP

जमीन देने में अड़चन न लगाएं विभाग

जागरण संवाददाता गाजियाबाद दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के

By JagranEdited By: Published: Wed, 01 Jul 2020 09:14 PM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2020 09:14 PM (IST)
जमीन देने में अड़चन न लगाएं विभाग
जमीन देने में अड़चन न लगाएं विभाग

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दिल्ली-मेरठ रीजनल रैपिड रेल प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए सरकारी विभागों को जमीन देनी होगी। जमीनों की कीमत का निर्धारण जिलाधिकारी स्तर से होगा। बुधवार को लखनऊ में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में इस संबंध में निर्देश जारी किया गया है। संबंधित विभागों को हिदायत दी गई है कि जमीन के मूल्य के चक्कर में जमीन देने में अड़चन न लगाएं।

loksabha election banner

एडिशनल कमिश्नर रजनीश राय ने बताया कि नेशनल कैपिटल रीजन ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (एनसीआरटीसी) के अधिकारियों ने प्रोजेक्ट के लिए सरकारी विभागों से जमीन मिलने में आ रही दिक्कतों से बैठक में अवगत कराया। एनसीआरटीसी ने जानकारी दी कि सरकारी विभाग जमीन देने से पहले पैसा मांग रहे हैं। विभागों ने जमीन का मूल्य वर्तमान रेट से बहुत ज्यादा लगाया है, जिसका भुगतान करना संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं को सुनने के बाद मुख्य सचिव ने स्पष्ट कर दिया कि प्रोजेक्ट को समय से पूरा करना शासन की प्राथमिकता है। इसके लिए एनसीआरटीसी को जमीन दे दी जाए। जमीन की कीमतों का निर्धारण करने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी को दी गई है। कह दिया गया है कि जमीन की कीमत का भुगतान बाद में होता रहेगा। इसके चक्कर में कोई भी विभाग जमीन देने में अड़चन न लगाए। बता दें कि एनसीआरटीसी ने इस प्रोजेक्ट के लिए नगर निगम, यूपीएसआइडीसी, जिला प्रशासन, जीडीए समेत कई विभागों से जमीन मांगी है। हालांकि जीडीए पहले ही अपनी जमीन दे चुका है। दुहाई डिपो की जमीन को दिलाने के लिए जिला प्रशासन को सहयोग करने का निर्देश दिया गया है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.