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डेंगू प्रभावित 52 इलाके अतिसंवेदनशील घोषित

जागरण संवाददाता गाजियाबाद जिले में साल दर साल तेजी से बढ़ रहे डेंगू के केसों को लेकर स्

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 May 2022 09:48 PM (IST)Updated: Mon, 16 May 2022 09:48 PM (IST)
डेंगू प्रभावित 52 इलाके अतिसंवेदनशील घोषित
डेंगू प्रभावित 52 इलाके अतिसंवेदनशील घोषित

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद: जिले में साल दर साल तेजी से बढ़ रहे डेंगू के केसों को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने 52 इलाकों को अतिसंवेदनशील घोषित किया है। इन इलाकों में पिछले साल सबसे ज्यादा डेंगू के मरीज मिले थे। शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के इन इलाकों में घर-घर जाकर बीमार लोगों को ट्रेस करते हुए उनकी जांच की जाएगी। विगत छह वर्ष में डेंगू के 2,273 मरीज मिले और आन रिकार्ड दो मरीजों की मौत दर्ज है। सरकारी स्तर पर डेंगू मरीजों की पुष्टि करने में स्वास्थ्य विभाग देरी करता है और डेंगू प्रभावित इलाकों में पहले से ही बचाव के इंतजाम भी नहीं करता है। फागिग अभियान तक फाइलों में ही चल रहा है। इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (आइडीएसपी) के तहत वर्ष 2009 से संचालित डिस्ट्रिक्ट पब्लिक हेल्थ (डीपीएचएल) लैब में जांच के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं।

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अतिसंवेदनशील घोषित क्षेत्र क्रासिग रिपब्लिक, भीमनगर, इंदिरापुरम, वैशाली, हरसांव, संजयनगर सेक्टर-23, राजनगर एक्सटेंशन, पंचवटी, करहैडा, अर्थला, विजयनगर, कनावनी, महाराजपुर, सद्दीकनगर, कोट गांव, वसुंधरा, मोहननगर, नंगला अटौर, कन्नौजा, डिडौली, मनौली, अतरौली, मेवला भट्टी, अगरौला, कलछीना, मानकी, डासना, मयूर विहार, नाहल, कुशलिया, कल्लूगढ़ी, घूकना, जलालाबाद, मकरैडा, मोदीनगर, मुरादनगर, मेवला लोनी, गोविदपुरम, शास्त्रीनगर, विजयनगर, राजेंद्र नगर, डासना, विवेकानंदनगर, नेहरूनगर,पीले क्वार्टर, लोहियानगर,हरबंशनगर,असालतनगर,शालीमार गार्डन और महेंद्रा एंक्लेव शामिल हैं।

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डेंगू मरीजों का विवरण

वर्ष डेंगू के मरीज 2016 621

2017 232 2018 68

2019 88 2020 15

2021 1,238 2022 8

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पिछले वर्ष डेंगू के केस

माह केस

जून 15

जुलाई 62

अगस्त 85

सितंबर 150

अक्टूबर 641

नवंबर 260

दिसंबर 25

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इस वर्ष में मिले डेंगू के केस

जनवरी 1

फरवरी 0

मार्च 2

अप्रैल 4

मई 1

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ये सावधानी बरतें

-डेंगू से बचाव के लिए जितना हो सके सावधानी रखें।

- पानी में गंदगी न होने पाए। लंबे समय तक किसी बर्तन में पानी भरकर न रखें।

- इससे मच्छर पनपने का खतरा रहता है।

- पानी को हमेशा ढककर रखें और हर दिन बदलते रहें, अन्यथा इसमें मच्छर आसानी से पनप सकते हैं। -कूलर का पानी हर रविवार बदलें।

-खिड़की और दरवाजे पर मच्छर से बचने के लिए जाली लगाएं, जिससे मच्छर अंदर न आ सकें। - पूरी बांह के कपड़े पहनें या फिर शरीर को जितना हो सके ढक कर रखें।

------ डेंगू बुखार होने पर आराम करें और शरीर में पानी की कमी न होने दें। मच्छरों से बचाव करना बेहद आवश्यक है। इसके लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोएं और दिन में भी पूरी बांह के कपड़े पहनें, ताकि मच्छर न काट सके। घर व आसपास पानी का किसी प्रकार जमाव न होने दें। इससे मच्छर तेजी से फैलते है। डेंगू एडीज मच्छर के काटने से फैलता है। डेंगू का बुखार ज्यादा से ज्यादा दो हफ्ते तक रहता है। इस रोग का पनपना जून के महीने से शुरू होता है और मानसून के महीने में अपना चरम प्रकोप दिखाना शुरू करता है।

- डा.आरके गुप्ता, प्रभारी संचारी रोग नियंत्रण


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