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गाजियाबाद की तर्ज पर थैले में धूल भरने की मांग

अभिषेक सिंह गाजियाबाद वायु प्रदूषण रोकने के लिए गाजियाबाद की तर्ज पर पूरे नेशनल कैपिटल रीजन

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Oct 2020 07:47 PM (IST)Updated: Thu, 22 Oct 2020 07:47 PM (IST)
गाजियाबाद की तर्ज पर थैले में धूल भरने की मांग
गाजियाबाद की तर्ज पर थैले में धूल भरने की मांग

अभिषेक सिंह, गाजियाबाद

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वायु प्रदूषण रोकने के लिए गाजियाबाद की तर्ज पर पूरे नेशनल कैपिटल रीजन (एनसीआर) में थैले में धूल भरने की मांग फेसबुक और ट्विटर के जरिये की जा रही है। हालांकि, रैपिड रेल के लिए ट्रैक, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे का निर्माण और कई स्थानों पर सीवर लाइन डालने के लिए गड्ढे खोदे जाने के कारण शहर में अभियान का असर बड़े स्तर पर नहीं दिख रहा है। लेकिन, निर्माण कार्य से दूर के क्षेत्र खासतौर पर कविनगर जोन, सिटी जोन और वसुंधरा जोन की सड़कें धीरे-धीरे धूल मुक्त हो रही हैं। इसलिए महसूस हुई जरूरत :

प्रदूषण का स्तर बढ़ने में सड़कों पर उड़ रही धूल एक बड़ी वजह है। धूल न उड़े, इसके लिए शहर में स्प्रिंकलर से पानी का छिड़काव किया जाता है। इससे कुछ देर के लिए तो राहत मिलती है, लेकिन सूखने के बाद धूल दोबारा उड़ने लगती है। इस कारण शहरवासी परेशान होते हैं। इस वजह से सड़क पर धूल को बिठाने के बजाय उसको हटाने की जरूरत महसूस की गई। गांधी जयंती पर शुरू हुआ अभियान :

नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने गांधी जयंती पर दो अक्टूबर 2020 को नगर निगम के पांचों जोन में थैले में धूल भरने का अभियान शुरू किया। शुरुआत में पांच-पांच सौ थैले सफाई कर्मचारियों को दिए गए। इनमें सप्ताह के तीन दिन सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को धूल भरी जा रही है। एक थैले में पांच किलो धूल भरी जा सकती है। धूल भरने के लिए अब थैले कम पड़ रहे हैं। जल्द ही प्रतिदिन दस हजार थैले में धूल भरी जाएगी।

सड़क से हटाई गई धूल का इस्तेमाल : सफाई कर्मचारियों द्वारा थैले में भरी गई धूल को नगर निगम की गाड़ी से रेतमंडी स्थित सीएंडडी वेस्ट प्लांट ले जाया जाता है। धूल निकालने के बाद थैलों को अगले दिन सफाई कर्मचारियों के पास पहुंचा दिया जाता है। इससे प्लांट में टाइल्स बनाने के काम में उपयोग किया जाता है। जिस धूल से टाइल्स नहीं बनाई जा सकती हैं, उनका इस्तेमाल अन्य कार्य में किया जाएगा।

स्वच्छ भारत अर्बन के ट्विटर हैंडल से दी गई जानकारी: स्वच्छ भारत मिशन के तहत शहर को साफ-सुथरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसी क्रम में स्वच्छ भारत अर्बन के ऑफिशियल ट्विटर अकाउंट से गाजियाबाद में धूल को थैले में भरने का अभियान चलाए जाने की जानकारी दी गई। इसके बाद प्रदूषण से जूझ रहे अन्य प्रदेशों और जिले में रहने वाले लोगों ने भी इस अभियान की सराहना की। उन्होंने इसी तर्ज पर दूसरी जगह भी अभियान चलाने की मांग की है। ----------------------------------

थैले में धूल भरने से प्रदूषण का स्तर बढ़ने से रोकने में मदद मिल रही है। शनिवार को इस अभियान में आरडब्ल्यूए पदाधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। नगर निगम के अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ मैं खुद भी थैले में धूल भरूंगा।

- महेंद्र सिंह तंवर, नगर आयुक्त


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