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23 दिसंबर तक नहीं होगा निर्णय तो उच्च न्यायालय जाएंगे तुलसी निकेतनवासी

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 ईडब्ल्यूएस और एलआइजी फ्लैटों को खाली करने के लिए जारी किए जा रहे नोटिसों के विरोध में रविवार को टंकी वाले पार्क में बैठक हुई। स्थानीय निवासियों की बैठक में लोगों ने जीडीए के नोटिस को हिटलर का फरमान बताते हुए पुरजोर विरोध किया। मामले में 23 दिसंबर तक हल न निकलने पर उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का एलान किया। वहीं, बैठक में राजनीतिक रंग देने का प्रयास करने का आरोप लगाते हुए वर्तमान व पूर्व पार्षद को बाहर कर दिया।

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 09:30 PM (IST)Updated: Sun, 16 Dec 2018 09:30 PM (IST)
23 दिसंबर तक नहीं होगा निर्णय तो उच्च न्यायालय जाएंगे तुलसी निकेतनवासी
23 दिसंबर तक नहीं होगा निर्णय तो उच्च न्यायालय जाएंगे तुलसी निकेतनवासी

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद: गाजियाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा तुलसी निकेतन कॉलोनी के 2292 ईडब्ल्यूएस और एलआइजी फ्लैटों को खाली करने के लिए जारी किए जा रहे नोटिसों के विरोध में रविवार को टंकी वाले पार्क में बैठक हुई।

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लोगों में दिखा भारी आक्रोश : तुलसी निकेतन के टंकी वाले पार्क में रविवार पूर्वाह्न साढ़े ग्यारह बजे ही लोग एकत्रित होने लगे। दोपहर के 12 बजते - बजते यहां हजारों लोग एकत्र हो गए। आरडब्ल्यूए अध्यक्ष कुलदीप कसाना की अध्यक्षता में बैठक शुरू हुई। बैठक के शुरूआत में ही लोग जीडीए के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। जीडीए द्वारा जारी किए जा रहे नोटिस को हिटलर का फरमान ठहराने लगे। लोग फ्लैट नहीं खाली करने की बात करने लगे। दर्जनों लोगों ने मंच से अपनी राय दी। लोग इसके लिए न्यायालय जाने की मांग करने लगे। लोगों के आक्रोश को देखते हुए कुलदीप कसाना ने आश्वस्त किया कि जब तक सबकी सहमति नहीं बनेगी कोई फ्लैट खाली नहीं करेगा। कुलदीप कसाना ने बताया कि साहिबाबाद विधायक सुनील शर्मा को बैठक में शामिल होना था लेकिन विशेष कार्य के कारण वह आ नहीं पाए। विधायक ने आश्वस्त किया है कि 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का जिले में कार्यक्रम है। उस दौरान उनके सामने तुलसी निकेतन का मामला रखा जाएगा। यदि मामले का निस्तारण नहीं होगा तो उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाएगा। जीडीए के नोटिस के खिलाफ स्थगन आदेश लाया जाएगा। तब जाकर लोग शांत हुए।

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वर्तमान व पूर्व पार्षद में हुई नोंकझोक : बैठक के दौरान मंच पर बोलने के दौरान वर्तमान पार्षद विनोद कसाना व पूर्व पार्षद बाबू ¨सह कसाना में नोंकझोक हो गई। दोनों ने एक - दूसरे की पार्टियों पर आरोप लगाना शुरू किया। इस बीच धक्का - मुक्की हुई। इसका लोगों ने विरोध किया और बैठक को राजनीतिक रंग नहीं देने की बात करते हुए उन्हें बाहर कर दिया।

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आरोप - बेहोश हो रहे लोग : बैठक में लोगों ने बताया कि 12 दिसंबर को जीडीए द्वारा जारी नोटिस मिलने के बाद लोग दहशत में जी रहे हैं। लोगों ने आरोप लगाया है कि 12 दिसंबर को नोटिस पाने के बाद रामकिशन जैसे ही सीढि़यों से फ्लैट की ओर बढ़े अचानक बेहोश होकर नीचे गिर गए। उनका पैर फ्रैक्चर हो गया। उन्हें जीटीबी अस्पताल ले जाया गया। वहीं रक्तचाप की समस्या से जूझ रहीं सरोज बाला नोटिस मिलने के बाद काफी परेशान हैं। 14 दिसंबर को जीडीए जब यहां दुकानों को सील करने पहुंची तो फ्लैट सील होने के भय से वह बेहोश हो गईं। परिजनों ने पानी के छींटे डालें तब उन्हें होश आया।

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बैठक में लोगों ने रखी मांगें :

- पॉवर ऑफ अटॉर्नी धारकों को ही भवन स्वामी मानकर मालिकाना हक दिया जाए।

- योजना को बनाने से पहले एक समिति बनाई जाए जिसमें आरडब्ल्यूए के पदाधिकारी सदस्य हों।

- कॉलोनी में 20 फीसद फ्लैट ही जर्जर है। जर्जर फ्लैटों में ज्यादातर का आवंटन नहीं हुआ है।

- जीडीए कॉलोनी में सीवर और पेयजल व्यवस्था करें। जर्जर फ्लैटों की मरम्मत लोग खुद करा लेंगे।

- जीडीए द्वारा 90 वर्ष की लीज पर फ्लैट दिए गए थे। फ्लैट 27 वर्षों में ही जर्जर हो गए हैं। जीडीए जर्जर फ्लैटों की मरम्मत कराए।

- जीडीए जर्जर भवनों को चिह्नित कर उनकी संख्या निर्धारित कर खाली पड़ी जमीन पर फ्लैटों का निर्माण कार्य शुरू कराए।

- सभी मांगों का लिखित में आश्वासन मिलने पर जीडीए के प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा।


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