अदालत ने दिए मथुरा कोतवाली प्रभारी का वेतन रोकने के आदेश
भरण-पोषण के मुकदमे में अदालत के आदेश का पालन न कराना मथुरा के एक थाना प्रभारी को भारी पड़ा। अदालत ने थाना प्रभारी का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। एसएसपी मथुरा को आदेशित किया है कि थाना प्रभारी को तब तक वेतन न दिया जाए, जब तक वह आरोपित को पकड़कर अदालत में पेश न करे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : भरण-पोषण के मुकदमे में अदालत के आदेश का पालन न कराना मथुरा के एक थाना प्रभारी को भारी पड़ा। अदालत ने थाना प्रभारी का वेतन रोकने के आदेश दिए हैं। एसएसपी मथुरा को आदेशित किया है कि थाना प्रभारी को तब तक वेतन न दिया जाए, जब तक वह आरोपित को पकड़कर अदालत में पेश न करें।
अधिवक्ता ने बताया कि विजयनगर की रहने वाली सीमा की शादी वर्ष 2005 में मथुरा निवासी कमल से हुई थी। आरोप है कि दहेज की मांग के लिए आरोपित विवाहिता के साथ मारपीट करता था। इसके चलते वह वर्ष 2010 में ससुराल से विजयनगर स्थित मायके आ गई और पति के खिलाफ अदालत में भरण-पोषण का मुकदमा दायर किया। मामले की सुनवाई के बाद वर्ष 2011 में अदालत ने विवाहिता को 2500 रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने के आदेश दिए, लेकिन अभी तक पति ने विवाहिता को कोई गुजारा भत्ता नहीं दिया। इस पर अदालत ने आरोपित पति कमल के खिलाफ समन, वारंट व गैर जमानती वारंट जारी किए, लेकिन वह पेश नहीं हुआ। मथुरा कोतवाली प्रभारी अदालत के आदेश का अनुपालन नहीं करा पाए। इसी लापरवाही के चलते अदालत ने थाना प्रभारी का वेतन रोकने के आदेश दिए।