बच्चों रोना नहीं, कोरोना को मारकर जल्द घर लौटेंगी मम्मी
अभिषेक सिंह साहिबाबाद कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए डॉक्टर अस्पताल में डटे हुए हैं
अभिषेक सिंह, साहिबाबाद: कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए डॉक्टर अस्पताल में डटे हुए हैं। महिला चिकित्सकों को तो पहली बार अपने बच्चों को भी खुद से 15-20 दिन के लिए दूर रखना पड़ रहा है। अब तक डॉ. प्रीति व उनकी टीम 500 से अधिक कोरोना मरीजों को स्वस्थ्य कर घर भेज चुकी है।
कोरोना संक्रमितों का उपचार कर रहीं डॉक्टर प्रीति अग्रवाल ईएसआइसी अस्पताल में कार्यरत हैं। वह इंदिरापुरम स्थित शिप्रा सृष्टि सोसायटी में रहती हैं। परिवार में उनके पति डॉ. अमित अग्रवाल, सात साल की बेटी आद्या और डेढ़ साल का बेटा आद्विक है। प्रीति ने बताया कि बेटे आद्विक से वह कभी भी एक दिन से ज्यादा दूर नहीं रही हैं, ये पहले बार है जब वह अपने बच्चों से दूर अस्पताल में कई दिन से रही हैं। जिससे की कोरोना संक्रमितों का इलाज कर सकें और अपने परिवार को संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकें। ऐसे में जब बच्चों की याद आती है तो अस्पताल से वीडियो कॉल कर उनसे बात कर लेती हैं। जब बच्चे रोते हैं तो वह उनसे कहती हैं कि बच्चों रोना मत, कोरोना को मारकर मम्मी जल्द ही घर लौटेंगी' डॉ. प्रीति ने बताया कि उनकी मुश्किल को बेटी आद्या समझ लेती है, बेटा डेढ़ साल का है तो वह अभी नहीं समझ पाता है। उसे आद्या और परिवार के अन्य सदस्य किसी तरह बहला फुसलाकर चुप करवाते हैं।
प्रीति अग्रवाल ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना से घबराएं नहीं, समय पर उपचार कराएं। इसके अलाव उन्होंने कहा कि लोग बेवजह घरों से बाहर न निकलें। जरूरी काम होने पर मास्क पहनकर ही घर से बाहर जाएं, समय-समय पर साबुन से हाथ धोते रहें, जिससे की संक्रमण से बचा जा सके।