खौफ ऐसा कि नोटों के लेनदेन से भी दूरी बनाने लगे लोग
कोरोना का खौफ धीरे—धीरे रोजमर्रा की हर गतिविधि पर पड़ने लगा
सिद्धार्थ श्रीवास्तव, गाजियाबाद
कोरोना का खौफ धीरे—धीरे रोजमर्रा की हर गतिविधि पर पड़ने लगा है। संक्रमण से बचे रहने के लिए शुक्रवार तक जहा लोग सेनेटाइजर और मास्क की खरीद में जुटे रहे वहीं शनिवार को नोटों के लेनदेन को लेकर भी कुछ खुदरा ग्राहकों ने दूरी बना ली। नोटों के माध्यम से भी कोरोना का वायरस तेजी से फैल रहा है। बस फिर क्या था, बाजार में कुछ खुदरा दुकानदारों ने ग्राहकों से वॉलेट के जरिये लेनदेन की गुजारिश करनी शुरू कर दी।
ई-वॉलेट में लिए पैसे या उधार खाते में डाला
शनिवार को गाधीनगर, कविनगर, शास्त्रीनगर, नेहरूनगर में कुछ खुदरा दुकानदारों ने ग्राहकों से नोट की बजाय पेटीएम, फोन पे, गूगल पे के जरिये भुगतान करने की गुजारिश की। पूछने पर उनका सीधा सा जवाब था कि नोटों के माध्यम से कोरोना वायरस फैल रहा है। जो खरीदार वॉलेट का उपयोग करने वाले थे उन्हें तो कोई समस्या नहीं हुई, लेकिन जो ई-वॉलेट के अभ्यस्त नहीं थे, उन्हें खरीदारी करने में परेशानी आई। गली—मुहल्ले के खुदरा दुकानदारों ने कैश लेनदेन के बजाय रकम उधार खाते में डालकर ग्राहकों को सामान दे दिए। उनका कहना था कि जब कोरोना का कहर थम जाएगा तो पैसों की लेनदेन हो जाएगी।
कार्ड से भुगतान लेने को प्राथमिकता
नोटों से कोरोना वायरस फैलने की अफवाह का असर मॉल, मल्टीप्लेक्स तक भी पहुंचा। होली की खरीदारी के लिए इन दिनों मॉल्स में भीड़ बढ़ गई है। यहा भी लोग बड़ी संख्या में कार्ड के माध्यम से ही लेनदेन कर रहे हैं। डिपार्टमेंटल स्टोर्स में यूं तो नोटों के लेनदेन को लेकर कोई दुराग्रह ही है, लेकिन खरीदार कार्ड से ही लेनदेन को प्राथमिकता दे रहे हैं। घरेलू सामानों की खरीद में कैश लेनदेन की झझट से बचने के लिए ऐप आधारित स्टोर के प्रति रुझान पहले से ही बढ़ गया था, लेकिन कोरोना वायरस की सनसनी के बाद इसमें वृद्धि का अनुमान लगाया जा रहा है।
करेंसी को सेनेटाइज
लोगों में नोटों के माध्यम से वायरस फैलने का यह हौवा यूं ही नहीं है। चीन में जब वायरस अपने चरम पर था तो वहा भी वायरस से संक्रमित नोटों को सेनेटाइज करने की खबरें आई थीं। मीडिया में आई रिपोर्ट्स के अनुसार, पीपुल्स बैंक आफ चाइना ने कागज से बने करीब 84000 करोड़ मूल्य की करेंसी को सेनेटाइज करने का आदेश दिया था।