अखबार से कोरोना का खतरा नहीं, कुछ चैनलों ने फैलाई अफवाह : बब्बर सिंह चौहान
वैश्विक महामारी कोरोना के सामने आते ही जब लोगों को पता चला कि कॅरोना व्यक्ति से व्यक्ति को होता है तो शारीरिक दूरी को दिनचर्या में शामिल किया गया। खुद प्रधानमंत्री ने हाथ धोने किसी से हाथ न मिलाने और कम से कम दो गज की दूरी रखने की अपील की। उस समय इलेक्ट्रोनिक मीडिया ने अफवाह फैलाई कि अखबार से बीमारी घर पहुंचती है। हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसे हर बार सिरे से नकारा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : वैश्विक महामारी कोरोना के सामने आते ही जब लोगों को पता चला कि कोरोना व्यक्ति से व्यक्ति को होता है तो शारीरिक दूरी को दिनचर्या में शामिल किया गया। खुद प्रधानमंत्री ने हाथ धोने, किसी से हाथ न मिलाने और कम से कम दो गज की दूरी बनाए रखने की अपील की। उस समय कुछ चैनलों ने अफवाह फैलाई कि अखबार से बीमारी घर पहुंचती है। हालांकि चिकित्सा विशेषज्ञों ने इसे हर बार सिरे से नकारा।
समाचार वितरक संघ के अध्यक्ष बब्बर सिंह चौहान ने कहा कि इस अफवाह के कारण हाईराइज बिल्डिग में अनेक लोगों ने अखबार लेना बंद किया, जिससे कर्मयोगियों के सामने आर्थिक तंगी आ गई। लॉकडाउन के पांचवें चरण में भी किसी कॉलोनी व सोसायटी में शासन-प्रशासन ने अखबार वितरण पर रोक नहीं लगाई। पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों ने बार-बार अपील की अखबार लेना बंद न करें। अखबार से कोरोना नहीं होता, मगर कुछ लोगों ने इस अफवाह को इतना फैलाया कि सामान्य लोगों ने अखबार लेना बंद कर दिया। जबकि आज तक ऐसा कोई उदाहरण सामने नहीं आया, जिसमें किसी समाचार पत्र के माध्यम से कोरोना की पुष्टि हुई हो। उन्होंने कहा कि समाचार पाने का सबसे सुरक्षित माध्यम आज भी अखबार ही है।