खुले रहे बाजार
महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न व तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी के विरोध में कांग्रेस के भारत बंद का गाजियाबाद में कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। कांग्रेस, रालोद समेत कम्यूनिस्ट समेत विभिन्न पार्टियों ने पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : महंगाई, भ्रष्टाचार, महिला उत्पीड़न व तेलों के दामों में बढ़ोत्तरी के विरोध में विपक्ष के भारत बंद का गाजियाबाद में कुछ खास असर देखने को नहीं मिला। कांग्रेस, रालोद समेत विभिन्न पार्टियों ने पैदल मार्च निकालकर प्रदर्शन करते हुए राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा। विभिन्न पार्टियों ने शहर के घंटाघर से विरोध जुलूस तख्तियां लेकर डासना गेट, तुराबनगर, गांधीनगर, नेहरूनगर, जटवाडा, चौपला मंदिर से होता हुआ गुजरा, जिसमें विरोध प्रदर्शन कर रहे पार्टी कार्यकर्ताओं ने सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए आगे बढ़े। इस बीच तुराबनगर मार्केट, चौपला व सिहानी गेट बाजार कुछ देर के लिए बंद दिखाई दी। बंद के दौरान नेता व कार्यकर्ता बैलगाड़ी और ठेलों पर चढ़कर तेल के बढ़ते दामों का विरोध करते दिखाई दिये। जिला कांग्रेस अध्यक्ष हरेन्द्र कसाना ने राष्ट्रपति को भेजे ज्ञापन में कहा कि अंतराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें लगातार गिर रही हैं, वहीं देश में तेल के दामों में रोज बढ़ोत्तरी हो रही है। उन्होंने पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार को गृह युद्ध की ओर धकेलने का आरोप लगाया। मुख्य रूप से पूर्व मंत्री सतीश शर्मा, पूर्व सांसद सुरेन्द्र प्रकाश गोयल, अमित कुमार, लोकेश चौधरी, प्रेमप्रकाश चीनी, सुभाष शर्मा, हबीब पठान, महानगर अध्यक्ष नरेन्द्र भारद्वाज, विजय चौधरी, डोली शर्मा, रालोद जिलाध्यक्ष कपिल चौधरी, प्रदेश प्रवक्ता अजयवीर ¨सह, रविन्द्र चौहान, ओडी त्यागी, तेजपाल ¨सह, पूजा चड्ढा मौजूद रहे।
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प्रदर्शन के जाम में फंसी रही एंबुलेंस
एक ओर जहां कांग्रेस, रालोद, कम्यूनिस्ट पार्टियों के साथ मिलकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर नारेबाजी कर रही थी। प्रदर्शन के दौरान शहर की सड़कों पर लगे जाम में देर तक एक एंबुलेंस भी फंसी रही।
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पुलिस प्रशासन रहा मुस्तैद
भारत बंद के आह्वान के साथ ही शासन की ओर से पुलिस प्रशासनिक अमले को आवश्यक दिशा निर्देश मिल गये थे। सुबह से ही पुलिस अमला कंपनी बाग में डटा रहा, वहीं चौक-चौराहों व मुख्य मार्केट के इर्द गिर्द भी काफी चौकसी रही। विरोध प्रदर्शन व जुलूस के दौरान पुलिसकर्मी प्रदर्शनकारियों के आगे पीछे चलता रहा। इस दौरान किसी तरह की कोई अप्रिय घटना नहीं हुई।