बंधक जमीन पर फ्लैट बनाकर बेचे, बैंक ने बायर्स का सामान फेंका
लोन लेकर बैंक को गिरवीं रखी जमीन पर फ्लैट बनाकर बेचने के बाद बैंक की ओर से बायर्स का सामान फेक दिया गया। पीड़ितों के मुताबिक उन्होंने दस माह से आरोपित बिल्डर के खिलाफ कई रिपोर्ट दर्ज कराईं हैं। इसके बाद भी विजयनगर थाना पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर रही है। फ्लैटों की आधी कीमत देने के बाद भी उन्हें किराए पर रहना पड़ रहा है। पीड़ित परिवारों ने एसएसपी से मिलकर मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : लोन लेकर बैंक को बंधक रखी जमीन पर फ्लैट बनाकर बेचने के बाद बैंक की ओर से बायर्स का सामान फेंक दिया गया। पीड़ितों के मुताबिक उन्होंने दस माह से आरोपित बिल्डर के खिलाफ कई रिपोर्ट दर्ज कराईं हैं। इसके बाद भी विजयनगर थाना पुलिस आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर रही है। फ्लैटों की आधी कीमत देने के बाद भी उन्हें किराये पर रहना पड़ रहा है। पीड़ित परिवारों ने एसएसपी से मिलकर मामले में कार्रवाई की गुहार लगाई है।
एसएसपी आफिस पहुंचे नरेश चौहान, धीरेंद्र शर्मा, अश्वनी कुमार शर्मा व अर्जुन पुंडीर ने बताया कि त्रिलोक चंद अग्रवाल व उसकी पत्नी शालिनी अग्रवाल ने अकबरपुर-बहरामपुर में लो-राइज फ्लैट बनाए थे। 2016-17 में इन लोगों ने फ्लैट देखे। फ्लैट देखकर 8-9 लाख रुपये का एडवांस दे बिल्डर ने एग्रीमेंट बना दिया। पजेशन न देने पर लोगों ने शिकायत की तो जनवरी-2018 में कब्जा दे दिया, लेकिन रजिस्ट्री के लिए टाल-मटोल करता रहा। इसीलिए धोखाधड़ी के आरोप में अश्वनी कुमार शर्मा ने जुलाई-2018 में और नरेश व सुमन देवी ने अप्रैल-2019 में त्रिलोक व शालिनी के खिलाफ विजयनगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मार्च-2019 में पता चला कि शालिनी ने एसबीआइ से फ्लैट की जमीन गिरवी रखकर 1.12 करोड़ रुपये का लोन लिया था। दोनों ने खुद को दिवालिया बताकर पल्ला झाड़ लिया, जिसके बाद एसबीआइ ने चारों फैमिली का सामान बाहर फिकवा दिया। एसएसपी को दी शिकायत में लोगों ने आरोप लगाया कि विजयनगर थाना पुलिस कई मुकदमों में नामजद होने के बाद दोनों आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं कर रही। एसएसपी कार्यालय द्वारा मामले में विजयनगर एसएचओ को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। एसएचओ श्यामवीर सिंह का कहना है कि आरोपितों की लोकेशन ट्रेस कर जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी।
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