इंदिरापुरम विस्तार की योजना का भविष्य तय करेगी कमेटी
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जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : इंदिरापुरम विस्तार को लेकर संशय बना हुआ है। जीडीए में इसके लिए कमेटी गठित की गई है। वही निर्णय लेगी कि विस्तार करना संभव होगा या नहीं। इसके लिए कई साल पहले 250 एकड़ से ज्यादा भूमि अधिग्रहण करने का प्रयास किया गया था। किसानों के अदालत जाने के कारण अधिग्रहण प्रक्रिया अटक गई। अब तक इसमें कोई मुआवजा नहीं बांटा गया।
एक दशक पहले कनावनी गांव की जमीन पर इंदिरापुरम विस्तार प्रस्तावित हुआ था। किसानों से वार्ता के बाद अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की गई थी। मुआवजा निर्धारण की प्रक्रिया के दौरान उनमें से कुछ किसानों ने कोर्ट का रुख कर लिया था। जीडीए वीसी कंचन वर्मा ने बताया कि एक किसान के मामले में कोर्ट ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2014 के तहत मुआवजा देने के लिए कहा था। अन्य किसानों के मामले में केस कोर्ट में विचाराधीन है। जिस किसान के मामले में कोर्ट ने आदेश दिया था, उसका संज्ञान लेते हुए एक कमेटी बनाई गई है। जिसमें पांच अधिकारी हैं। उन्हें कहा गया है कि सब कुछ परखने के बाद यह तय करें कि विस्तार की योजना संभव है कि नहीं। अगर, संभव पाई जाती है तो औपचारिकताएं पूरी करने की तरफ बढ़ा जाएगा। वरना, विस्तार की योजना को खत्म कर दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस मामले में अब तक कोई मुआवजा नहीं बांटा गया है। अभी अवार्ड की प्रक्रिया नहीं हुई है। कराई गई थी प्रतियोगिता
इंदिरापुरम विस्तार को जीडीए नायाब ढंग से विकसित करना चाहता था। वहां बहुमंजिला इमारतों का डिजाइन कैसा हो? उसके लिए जीडीए की तरफ से 2013 में आर्किटेक्चरल प्रतियोगिता कराई गई थी। प्रथम पुरस्कार विजेता के लिए 7.50 लाख रुपये का पुरस्कार रखा गया था।