कैंसर फैलाने वाली रसायनयुक्त सब्जियों से बचाएंगे बच्चे
सरकारी स्कूलों के बच्चे सेहत के लिए खतरनाक रसायनयुक्त सब्जियों से बचाएंगे। बच्चों को सब्जियों में इस्तेमाल रसायन के बारे में बताया जाएगा। जनपद के 200 स्कूलों में किचन गार्डन बनाकर बिन केमिकल की सब्जी उगाई जा रही है। अन्य सभी स्कूलों में सब्जी उगाने के लिए किचन गार्डन बनाए जाएंगे। बच्चे रसायनयुक्त सब्जियों के प्रति लोगों को जागरुक करेंगे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जनपद के 200 स्कूलों में किचन गार्डन बनाकर बिन केमिकल की सब्जी उगाई जा रही है। जल्द ही अन्य सभी स्कूलों में सब्जी उगाने के लिए किचन गार्डन बनाए जाएंगे। बच्चे मिड डे मील में किचन गार्डन पैदा हुई सब्जियां ही खाएंगे। छात्रों को बिना केमिकल सब्जी उगाने की पूरी प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। साथ ही उन्हें केमिकल से युक्त सब्जियों से होने वाले नुकसान के बारे में बताया जाएगा ताकि बच्चे घर जाकर परिवार और आस-पड़ोस के लोगों को इस बारे में जागरूक कर सकें।
जिला विकास अधिकारी भालचंद्र त्रिपाठी ने बताया कि बाजार में फलों-सब्जियों को पौष्टिक और ताजा दिखा कर लोगों की सेहत से खिलवाड़ किया जाता है। हरी सब्जियों पर मेलाकाइट ग्रीन जैसे खतरनाक केमिकल को स्प्रे किया जाता है। कुछ लोग इसके लिक्विड में सब्जियों पर लगा देते है। इससे सब्जी ज्यादा हरी और ताजी दिखती है। यह रसायन कैंसर फैलाने वाली कोशिकाओं को बढ़ाने में मददगार होता है। वहीं, फल-सब्जी को चमकीला बनाने के लिए पेट्रोलियम ऑयल का इस्तेमाल भी किया जाता है। साथ ही दुधारू जानवरों को लगाए जाने वाले प्रतिबंधित ऑक्सीटोसिन इंजेक्शन का इस्तेमाल भी सब्जियों के आकार को बड़ा करने के लिए किया जाता है। इससे तैयार सब्जियों का सेवन हारमोनल बीमारी का खतरा बढ़ा देता है। इससे श्वसन तंत्र और पेट संबंधी बीमारियां हो जाती हैं। इन सब्जियों के इस्तेमाल से बचाने के लिए जनपद के 200 स्कूलों की खाली जमीन पर सब्जी बोई गई हैं। सब्जी उगाने की तमाम जानकारी बच्चों को दी जा रही है। सब्जी बोने से लेकर काटने और उसकी सिचाई आदि बच्चों के सामने की जा रही है। साथ ही बच्चों को शिक्षक रसायन वाली सब्जियों का अंतर समझा रहे हैं। बच्चे रसायनयुक्त सब्जियों के बारे अपने स्वजनों और गांव के लोगों को बताएंगे। बच्चों को रसायन से होने वाले नुकसान के बारे में भी बताया जाएगा।
खतरनाक है रसायन फलों को जल्दी पकाकर फायदा कमाने के चक्कर में कैल्शियम कार्बाइड का इस्तेमाल होता है। अब इसका स्थान धीरे-धीरे चीन में बना केमिकल लेता जा रहा है। इसमें आर्सेनिक व फास्फोरस होता है। कार्बाइड से एसिटिलीन गैस निकलती है, जो गर्मी पैदा करती है। यह गैस वेल्डिग में व ईंधन में काम आती है। इससे सेहत पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
200 से अधिक स्कूलों में सब्जी उगाई जा रही है। स्कूलों में सब्जियों में किसी भी रसायन का इस्तेमाल नहीं होगा। बच्चों को रसायनयुक्त सब्जियों की जानकारी दी जाएगी।
अस्मिता लाल, मुख्य विकास अधिकारी