मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के लाभ से वंचित हो रहे तलाकशुदा महिलाओं के बच्चे
अभिषेक सिंह गाजियाबाद मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के लाभ से तलाकशुदा और परित्यक्ता महिल
अभिषेक सिंह, गाजियाबाद: मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य के लाभ से तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं के बच्चे वंचित हो रहे हैं, जिले में उनको इस योजना का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि योजना की शुरुआत के वक्त यह दावा किया गया था कि तलाकशुदा और परित्यक्ता महिलाओं के बच्चों को भी इसका लाभ मिलेगा। ऐसे में जिले में रह रहे हजारों बच्चे योजना के लाभ से वंचित हो रहे हैं। शासनादेश में यह लिखा:
शासनादेश में लिखा है कि 18 साल से कम आयु के ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड-19 से भिन्न अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अभिभावक को खो दिया है। 18 से 23 साल के ऐसे किशोर जिन्होंने कोविड या अन्य कारणों से अपने माता-पिता दोनों अथवा माता या पिता में से किसी एक अथवा अभिभावक को खो दिया है तथा वह कक्षा- 12 तक शिक्षा पूर्ण करने के उपरांत राजकीय महाविद्यालय, विश्वविद्यालय अथवा तकनीकी संस्थान से स्नातक डिग्री अथवा डिप्लोमा प्राप्त करने के लिए शिक्षा प्राप्त कर रहे हों या नीट, जेईई, क्लैट जैसे राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं उत्तीर्ण कर चुके हों। जिनकी माता तलाकशुदा स्त्री या परित्यक्ता है अथवा जिनके माता-पिता या परिवार का मुख्यकर्ता जेल में हैं अथवा ऐसे बच्चे जिन्हें बालश्रम, बाल भिक्षावृति, बाल वेश्यावृति से मुक्त कराकर परिवार में समायोजित कराया गया हो अथवा भिक्षावृति, वेश्यावृति में सम्मिलित परिवारों के बच्चों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया जाना उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य का मुख्य उद्देश्य है। इसलिए नहीं मिल रहा है लाभ:
शासनादेश में लाभार्थियों को गैर संस्थागत और संस्थागत दो श्रेणियों में बांटा गया है लेकिन उनमें परित्यक्ता और तलाकशुदा का जिक्र नहीं किया गया है। योजना का लाभ वरीयता के आधार पर दिए जाने के लिए कहा गया है। इसलिए उनको लाभ नहीं मिल रहा है। बयान
जिन बच्चों के माता-पिता में से किसी एक या दोनों की मृत्यु एक मार्च 2020 के बाद हुई है, उनको अभी इस योजना का लाभ दिया जा रहा है। 90 से अधिक बच्चों को लाभ दिलाया जा रहा है। तलाकशुदा महिला और परित्यक्ता को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना सामान्य का लाभ देने के विषय में शासनादेश स्पष्ट नहीं है, इस संबंध में पत्र भेजकर दिशानिर्देश प्राप्त किए जाएंगे। - विकास चंद्र, जिला प्रोबेशन अधिकारी