चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस मनाया
स्वतंत्रता संग्राम सैनानी चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस जस्सीपुरा में मनाया गया। उनके चित्र पर माल्यार्पण कर जीवन पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि देश की आजादी के लिए उनके द्वारा जान की बाजी लगा दी गई। वर्ष 1919 में हुए अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार ने देश के नवयुवकों में जोश भरा था।
जासं, गाजियाबाद : स्वतंत्रता संग्राम सेनानी चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस जस्सीपुरा में मनाया गया। उनके चित्र पर माल्यार्पण कर जीवन पर प्रकाश डाला गया। वक्ताओं ने कहा कि देश की आजादी के लिए उनके द्वारा जान की बाजी लगा दी गई। वर्ष 1919 में हुए अमृतसर के जलियांवाला बाग नरसंहार ने देश के नवयुवकों में जोश भरा था।
चंद्रशेखर आजाद उस समय पढ़ाई कर रहे थे। जब गांधीजी ने सन 1921 में असहयोग आंदोलन का आह्वान किया तो तमाम अन्य छात्रों की तरह चंद्रशेखर भी सड़कों पर उतर आए। इस आंदोलन में भाग लेने पर वह पहली बार गिरफ्तार हुए। वह क्रांतिकारी गतिविधियों से जुड़कर हिदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य बने। आजाद की शहादत के सोलह वर्षो बाद 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ। सभी उन्हें पंडित जी कहकर संबोधित करते थे। 27 फरवरी 1931 को प्रयागराज के आजाद पार्क में आजाद शहीद हुए। इस मौके पर पंकज खन्ना, नफीस सैफी, रमीज राजा, सैयद समीर, नौमान सैफी, नदीम, रवि कुमार, रहीस, फैसल, कपिल शर्मा, महिपाल, विजय, मुस्तफा, इलयास, शब्बीर सैफी आदि मौजूद रहे।