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स्पेशल कैटेगिरी में देश की टॉपर सान्या बोली गणित ने रुलाया, टीचर ने हंसाया

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : उत्तम स्कूल फार ग‌र्ल्स की सान्या गांधी ने 489 अंक हासिल कर सीबीएसई बोर

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 07:01 PM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 07:01 PM (IST)
स्पेशल कैटेगिरी में देश की टॉपर सान्या बोली गणित ने रुलाया, टीचर ने हंसाया
स्पेशल कैटेगिरी में देश की टॉपर सान्या बोली गणित ने रुलाया, टीचर ने हंसाया

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : उत्तम स्कूल फार ग‌र्ल्स की सान्या गांधी ने 489 अंक हासिल कर सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षा के विशेष वर्ग में संयुक्त रूप से ऑल इंडिया टॉपर बनीं। सान्या और सनसिटी गुरुग्राम की छात्रा अनुष्का पांडा ने 489 अंक हासिल किए। जन्म से ही दृष्टिहीन दिव्यांग सान्या ने सोशल सांइस में 100 अंक हासिल किया, जबकि अंग्रेजी में 99, ¨हदी में 97, विज्ञान में 98, व गणित में 95 अंक हासिल किए।

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सान्या का कहना है गणित ने पूरे साल रुलाया, लेकिन उनकी शिक्षिका सालेहा खान ने विशेष तौर पर प्रोत्साहित कर शिक्षक नहीं मित्र के रूप में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। आत्मविश्वास से लबरेज सान्या का कहना है कि उन्हें विश्वास था कि 95 फीसद से ऊपर आएंगे लेकिन पूरे देश की टॉपर बनेंगी इसका अंदाजा नहीं था। दिल्ली बोर्ड से ली गई थी विशेष अनुमति

स्कूल की ¨प्रसिपल शर्मिला रहेजा ने बताया कि सान्या ने पढ़ाई लैपटॉप के माध्यम से की। परीक्षा में कॉपी लिखने के लिए सहायक की अनुमति थी, लेकिन लैपटॉप से कॉपी लिखने की अनुमति नहीं थी, इसके लिए क्षेत्रीय कार्यालय देहरादून में पत्र भेजा गया, लेकिन कार्यालय से नियमों का हवाला देकर दिल्ली स्थित मुख्य कार्यालय जाकर अनुमति लेने की सलाह दी गई, साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय ने अपना स्वीकृति पत्र भी भेजा, इसके बाद सान्या को लैपटॉप पर परीक्षा देने की अनुमति मिली थी। इकलौती संतान के परीक्षा परिणाम जान मां-बाप के आंखों में आए आंसू

रिजल्ट घोषित होने के बाद चिरंजीव विहार निवासी अनिल गांधी व मां सारिका गांधी बेटी सान्या को लेकर स्कूल पहुंचे तो मम्मी-पापा को छोड़ सान्या दौड़ती हुई कार्यालय में पहुंची। इस खुशी को देख दोनों की आंखों में आंसू आ गए। अनिल ने बताया कि बेटी को कभी भी पढ़ने के लिए कहना नहीं पड़ता, बल्कि वह गणित को लेकर परेशानी होती थी तो स्कूल की शिक्षिकाएं फोन पर भी मदद करती थीं। अनिल ने कहा कि दृष्टिहीन है, लेकिन मुझे बेटी पर गर्व है और वह एक दिन आइएएस बनकर सपना जरूर पूरा करेगी। उन्होंने बताया कि पैदा होने के तीन महीने बाद ही पता चल गया था कि बेटी ऑप्टिकल नर्व बीमारी से पीड़ित है और वह कभी देख नहीं पाएगी। दुनिया बड़ी खूबसूरत है इसका दीदार करो

पिछली बार स्कूल की टॉपर स्वेता चौहान को रोल मॉडल मानने वाली सान्या का कहना है कि अभी सिर्फ एक लक्ष्य है पढ़ाई करना। इसके बाद प्रशासनिक सेवा में जाना चाहती हैं। उन्होंने दार्शनिक अंदाज में कहा दुनिया बड़ी खूबसूरत है, उसका दीदार करो। हर बच्चे के अंदर कुछ न कुछ अच्छाई होती है, उस अच्छाई का आकलन मां-बाप करें और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करें।


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