सीबीआइ इंस्पेक्टर, तहसीलदार समेत तीन पर चलेगा रिश्वतखोरी का मुकदमा
सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेस-वे की जमीन घोटाले के मामले में सीबीआइ इंस्पेक्टर तहसीलदार समेत तीन आरोपितों पर आरोप पत्र तय किए। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में अब तीनों आरोपितों पर रिश्वतकांड के मामले में मुकदमा चलेगा। सोमवार को अदालत ने आरोपितों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज की थी। वहीं अदालत ने केस की अगली सुनवाई सात फरवरी को नियत की है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सीबीआइ की विशेष अदालत ने शुक्रवार को यमुना एक्सप्रेस-वे की जमीन घोटाले के मामले में सीबीआइ इंस्पेक्टर, तहसीलदार समेत तीन आरोपितों पर आरोप पत्र तय किए। विशेष न्यायाधीश अमित वीर सिंह की अदालत में अब तीनों आरोपितों पर रिश्वतकांड के मामले में मुकदमा चलेगा। गत सोमवार को अदालत ने आरोपितों की डिस्चार्ज अर्जी खारिज की थी। वहीं, अदालत ने केस की अगली सुनवाई सात फरवरी को नियत की है।
सीबीआइ के अभियोजक कुलदीप पुष्कर ने बताया कि नोएडा के यमुना एक्सप्रेस-वे जमीन घोटाले के आरोपितों का समझौता कराने के नाम पर 22 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के मामले में तहसीलदार रणवीर सिंह, सीबीआइ इंस्पेक्टर विरेंद्र राठौर और एएसआइ सुनील दत्त को डासना जेल से कड़ी सुरक्षा के बीच लाकर सोमवार को सीबीआइ की विशेष अदालत में पेश किया गया। बता दें कि जून 2018 में ग्रेटर नोएडा के कसाना थाने में यमुना एक्सप्रेस-वे की जमीन को लेकर हुए 126 करोड़ रुपये के घोटाले के मामले में केस दर्ज हुआ था। इस मामले में प्राधिकरण के पूर्व सीईओ पीसी गुप्ता समेत अन्य आरोपियों से समझौता कराने के लिए सीबीआई के इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह राठौर, एएसआइ संजय दत्त और तहसीलदार रणवीर सिंह पर साठगांठ करने का आरोप है। वहीं, यह भी आरोप है कि इन लोगों ने इस काम के लिए 22 लाख रुपये की डिमांड की थी। आरोपियों ने नोएडा सेक्टर-27 स्थित एक फ्लैट में रुपये लेकर पहुंचे थे। जहां वह रुपये देकर निकल गए थे। सीबीआइ की टीम ने तीन फरवरी 2019 को फोन टैपिग के बाद छापेमारी के बाद तहसीलदार रणवीर सिंह व सीबीआई इंस्पेक्टर वीरेंद्र कुमार राठौर को 22 लाख रुपये की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद आरोपी एएसआइ सुनील दत्त ने कोर्ट में उपस्थित होकर सरेंडर कर दिया था।