पूरी एलईडी स्ट्रीट लाइट न लगाने के मामले में कंपनी पर मुकदमा दर्ज
नगर निगम ने एलईडी स्ट्रीट लाइट की कंपनी व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि कंपनी ने एलईडी लाइट लगाने का झूठा दावा किया। कम लाइटें लगाकर संख्या ज्यादा बताई। यही नहीं खराब लाइटों को दुरुस्त नहीं किया। जिससे शहर की जनता को परेशानी हो रही है। निगम के अवर अभियंता गजेंद्र शर्मा की तहरीर पर थाना सिहानी गेट पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : नगर निगम ने एलईडी स्ट्रीट लाइट की कंपनी व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है। आरोप है कि कंपनी ने एलईडी लाइट लगाने का झूठा दावा किया। कम लाइटें लगाकर संख्या ज्यादा बताई। यही नहीं खराब लाइटों को दुरुस्त नहीं किया। जिससे शहर की जनता को परेशानी हो रही है। निगम के अवर अभियंता गजेंद्र शर्मा की तहरीर पर थाना सिहानी गेट पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है।
शासन ने वर्ष 2016 में नगर निगम सीमा में सोडियम स्ट्रीट लाइटें हटाकर उसकी जगह एलईडी लाइट लगाने ठेका व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड को दिया था। कंपनी को 50214 सोडियम लाइटों को एलईडी से परिवर्तित करना था। करार में अनुरक्षण कार्य भी कंपनी के जिम्मे सौंपा गया था। बिजली बिल के खर्चे को कम करने के इरादे से यह पहल की गई थी। एफआइआर में आरोप है कि कंपनी ने सोडियम लाइटें हटाकर 48113 एलईडी लाइटें लगाने का दावा किया। निगम द्वारा सत्यापन कराने पर मालूम हुआ कि कंपनी ने 35388 एलईडी लाइटें ही लगवाई हैं। कविनगर जोन में 11500 एलईडी लाइटें लगाने का दावा किया था। सत्यापन में इस जोन में 9552 लाइटें ही लगी हुई पाई गईं। आरोप है कि कंपनी ने जून 2018 से लग चुकी एलईडी लाइटों का अनुरक्षण कार्य बंद कर दिया। जिससे खराब लाइटों के कारण सड़कों पर अंधेरा होने लगा। लगी हुई लाइटों के लिए कंपनी को निगम द्वारा 3.37 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। कंपनी ने वादा किया था कि भुगतान के बाद बची हुई लाइटें लगा दी जाएंगी। खराब लाइटों को दुरुस्त कर दिया जाएगा। आरोप है कि कंपनी ने झूठा वादा किया। उसने बची हुई लाइटें नहीं लगाईं, न ही खराब लाइटों को ठीक कराया। बता दें कि एलईडी स्ट्रीट लाइटें बंद होने पर कुछ दिन पहले आए मुख्य सचिव ने भी नाराजगी जताई थी। कंपनी के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। व्हाइट प्लाकार्ड टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड ने झूठे वादे किए। कम लाइटें लगाकर संख्या ज्यादा बताई। अनुरक्षण कार्य नहीं किया। यह धोखाधड़ी है। इस कारण कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसे ब्लैकलिस्ट करने के लिए शासन को पत्र भेजा गया है।
- दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त