एलिवेटेड रोड पर जल्द लगेंगे वाहनों के नंबर पहचानने वाले 20 कैमरे
दो करोड़ रुपये बचाने के लिए जीडीए बीओटी पर ¨हडन एलिवेटेड रोड पर कैमरे लगवाएगा। दो फर्मों से प्रस्ताव मिलने पर जीडीए अधिकारियों ने इस योजना पर मंथन शुरू किया है। अगले सप्ताह तक तय हो जाएगा कि किस फर्म को कैमरे लगाने की जिम्मेदारी दी जाए। फर्मों ने लागत वसूलने के लिए दस वर्षों तक चार यूनीपोल लगाने की अनुमति मांगी है। सब ठीक रहा तो इस महीने के अंत तक कैमरे लग जाएंगे।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : दो करोड़ रुपये बचाने के लिए जीडीए बीओटी (बिल्ट, ऑपरेट एंड ट्रांसफर) पर ¨हडन एलिवेटेड रोड पर कैमरे लगवाएगा। दो फर्मो से प्रस्ताव मिलने पर जीडीए अधिकारियों ने इस योजना पर मंथन शुरू किया है। अगले सप्ताह तक तय हो जाएगा कि किस फर्म को कैमरे लगाने की जिम्मेदारी दी जाए। फर्मो ने लागत वसूलने के लिए दस वर्षों तक चार यूनीपोल लगाने की अनुमति मांगी है। सब ठीक रहा तो इस महीने के अंत तक कैमरे लग जाएंगे।
राजनगर एक्सटेंशन से यूपी गेट तक बनी 10.30 किलोमीटर लंबी ¨हडन एलिवेटेड रोड पर 20 ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे लगेंगे। ये कैमरे कई खूबियों से लैस होंगे। वाहनों की नंबर प्लेट पहचान कर उसका रजिस्ट्रेशन नंबर सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन के जरिए कंप्यूटर में स्टोर करने में सक्षम होंगे। आरटीओ के सर्वर से इसे जोड़ा जाएगा। आपराधिक घटनाओं को रोकने में इससे काफी मदद मिलेगी। पकड़े जाने के डर से अपराधी हिम्मत नहीं करेंगे। कोई आपराधिक घटना करता है तो नंबर प्लेट से उस तक पुलिस की पहुंच आसान हो जाएगी। कैमरों में स्पीड रडार इनबिल्ट होगा। ऐसे में वाहनों की स्पीड को भी कैमरे रिकॉर्ड करेंगे। जिससे ओवरस्पी¨डग पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी। लाइव स्ट्री¨मग भी संभव होगी। इससे पुलिस एलिवेटेड रोड से गुजरने वाले हर वाहन पर नजर रख सकेगी। कैमरों में एक्सीडेंट डिटेक्शन मोड होगा। इससे दुर्घटना होने पर अलार्म बजने लगेगा। पुलिस को तत्काल दुर्घटना की सूचना पहुंच जाएगी। इसके अलावा धुआं छोड़ने और तेज गति में दौड़ने वाले वाहनों की पहचान कर उसका ई-चालान आसानी से बनाया जा सकता है। जीडीए पहले अपने स्तर से कैमरे लगाने जा रहा था। इसके लिए टेंडर के जरिए आवेदन आमंत्रित किए गए थे। जिसमें दो करोड़ रुपये का खर्च बताया गया था। 500-500 मीटर की दूरी पर यह कैमरे रोड पर लगाए जाने हैं।
दस वर्ष तक करेंगे मेंटेनेंस
बीओटी पर जीडीए को दोहरा फायदा है। पहला फायदा यह है कि अपना पैसा खर्च नहीं करना होगा। दूसरा लाभ यह है कि बीओटी फर्म दस साल तक कैमरों का मेंटेनेंस करेगी। अगर, जीडीए अपने खर्च पर कैमरे लगाता तो ठेकेदार पांच साल तक ही मेंटेनेंस करता। सर्वर, कंट्रोल रूम और मॉनिट¨रग स्टेशन भी बीओटी फर्म ही बनाएगी।
एलिवेटेड रोड पर स्पीड लिमिट
चार पहिया वाहन-80 किलोमीटर प्रति घंटा
दो पहिया वाहन-60 किलोमीटर प्रति घंटा
एलिवेटेड रोड पर बीओटी पर कैमरे लगाने के लिए दो फर्मो ने प्रस्ताव दिया है। यह अच्छा प्रस्ताव है। इससे जीडीए के दो करोड़ रुपये बचेंगे। अगले सप्ताह तक तय कर लिया जाएगा कि किसे कैमरे लगाने की जिम्मेदारी दी जाए। फर्मों ने इसके एवज में यूनीपोल लगाने की इजाजत मांगी है। नगर निगम से पूछा जा रहा है कि एक यूनीपोल से सालभर में कितनी आय होती है। उस हिसाब से यूनीपोल की संख्या निर्धारित की जाएगी। यह चार से अधिक नहीं होगी। रोड के दोनों छोर पर ही यूनीपोल की इजाजत होगी। बीच में कहीं नहीं लगाने दिया जाएगा।
- कंचन वर्मा, वीसी, जीडीए