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शहर में छह रूटों पर दौड़ेंगी 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें, कैबिनेट की मंजूरी

शहर में 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें छह महीने में सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। सोमवार को यूपी कैबिनेट ने अर्बन ट्रांसपोर्ट डायरेक्टरेट के इलेक्ट्रिक बस के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। जल्द बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए फंड जारी हो जाएगा। पहले चरण में छह रूटों पर बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा। मूल परियोजना 100 बसें चलाने की है। धीरे-धीरे बसों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। डायरेक्टरेट की तरफ से स्थानीय स्तर पर नगर निगम बसों के परिचालन पर नजर रखेगी। बस परिचालन की जिम्मेदारी पीएमआइ इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 09 Dec 2019 07:07 PM (IST)Updated: Tue, 10 Dec 2019 06:05 AM (IST)
शहर में छह रूटों पर दौड़ेंगी 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें, कैबिनेट की मंजूरी
शहर में छह रूटों पर दौड़ेंगी 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें, कैबिनेट की मंजूरी

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : शहर में 50 एसी इलेक्ट्रिक बसें छह महीने में सड़कों पर दौड़ने लगेंगी। सोमवार को यूपी कैबिनेट ने अर्बन ट्रांसपोर्ट डायरेक्टरेट के इलेक्ट्रिक बस के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी। जल्द बस डिपो और चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए फंड जारी हो जाएगा। पहले चरण में छह रूटों पर बसों का परिचालन शुरू किया जाएगा। मूल परियोजना 100 बसें चलाने की है। धीरे-धीरे बसों की संख्या में इजाफा किया जाएगा। डायरेक्टरेट की तरफ से स्थानीय स्तर पर नगर निगम बसों के परिचालन पर नजर रखेगी। बस परिचालन की जिम्मेदारी पीएमआइ इलेक्ट्रो मोबिलिटी सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड को दी गई है।

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मेरठ तिराहे के करीब बनेगा बस डिपो

इलेक्ट्रिक बस का डिपो और चार्जिंग स्टेशन मेरठ तिराहे के करीब बनाया जाएगा। इसके लिए नगर निगम ने बोंझा गांव में हिडन विहार के पास 26 हजार वर्ग मीटर भूमि चिह्नित की है। इसमें बसों को खड़ा करने के लिए 50 शेड और 25 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। इसमें रैपिड चार्जिंग की व्यवस्था होगी। बस में 151 किलोवॉट की नई जनरेशन की लिथियम आयन बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा। बस बनाने वाली कंपनी का दावा है कि बैटरी 45 मिनट में पूरी चार्ज हो जाएगी। यानी मोबाइल से तेज बस की बैटरी चार्ज होगी।

30 सीटर होंगी बसें

एसी इलेक्ट्रिक बसें 30 सीटर होंगी। इन बसों का परिचालन सफल रहा तो अगले चरण में ज्यादा यात्री क्षमता की बसें ली जाएंगी। कंपनी अधिकतम 70 सीट की इलेक्ट्रिक बस बनाती है। कंपनी का दावा है कि उनकी बसें एक बार चार्ज होने पर 200 किलोमीटर दौड़ेंगी। ज्यादा माइलेज देने के लिए बसों का वजन कम रखा गया है। एक बस 12 टन वजनी होगी। 2500 किलो तक यात्रियों का वजह उठाकर बसें दौड़ सकती हैं। 20 प्रतिशन रहने पर बैटरी को चार्ज किया जाएगा।

अधिकतम स्पीड 70 किमी. प्रति घंटा

इन बसों की अधिकतम स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल 1989 में कॉमर्शियल वाहन की स्पीड 80 किलोमीटर प्रतिघंटा निर्धारित की गई है। अधिकारियों का कहना है कि शहर की अंदरूनी सड़कों पर दौड़ने वाली इलेक्ट्रिक बसों की स्पीड ज्यादा रखना सुरक्षित नहीं है। इस कारण कंपनी को बसों की स्पीड 70 किलोमीटर प्रति घंटे पर लॉक करने के लिए कहा गया है।

पहले चरण में इन छह रूटों पर दौड़ेंगी बसें

आनंद विहार से मोदीनगर (35 किलोमीटर, 10 बसें) : अर्थला, हिडन रिवर मेट्रो स्टेशन, मेरठ मोड़, नंदग्राम, सिहानी चुंगी, राजनगर एक्सटेंशन चौराहा, मोरटा, मुरादनगर, मोदीनगर आनंद विहार से एएलटी (20 किलोमीटर, आठ बसें) : कौशांबी, डाबर चौराहा, वैशाली मेट्रो स्टेशन, सब्जी मंडी, मोहननगर चौराहा, अर्थला, हिडन रिवर मेट्रो स्टेशन, मेरठ मोड़, नया बस अड्डा, ठाकुरद्वारा, कलक्ट्रेट, हापुड़ चुंगी, शास्त्रीनगर, हरसांव, पुलिस लाइन, डीडीपीएस

दिलशाद गार्डन से गोविदपुरम (20 किलोमीटर, आठ बसें) : शहीद नगर, आराधना सिनेमा, राजबाग, राजेंद्र नगर, लाजपत नगर, मोहननगर चौराहा, अर्थला, हिडन मेट्रो स्टेशन, मेरठ मोड़, नया बस अड्डा, ठाकुरद्वारा, एसएमएल स्कूल, पुराना बस अड्डा, कलक्ट्रेट, हापुड़ चुंगी, शास्त्रीनगर, हरसांव, पुलिस लाइन, डीडीपीएस स्कूल न्यू बस अड्डा से दादरी (25 किलोमीटर, आठ बसें) : नया बस अड्डा, घंटाघर, रेलवे स्टेशन, चौधरी मोड़, पंचवटी, राकेश मार्ग, लोहा मंडी, लालकुआं, दादरी पुराना बस अड्डा से नोएडा सिटी सेंटर (30 किलोमीटर, 10 बसें) : पुराना बस अड्डा, डीपीएस सिद्धार्थ विहार, प्रताप विहार, एनएच-नौ, नोएडा सेक्टर-16 और नोएडा सिटी सेंटर लोनी से नया बस अड्डा (30 किलोमीटर, छह बसें) : लोनी रेलवे स्टेशन, एचपी गैस प्लांट, टीला मोड़, भोपुरा, हिडन टर्मिनल, हिडन एयरफोर्स स्टेशन, अर्थला मेट्रो स्टेशन, नया बस अड्डा

(इलेक्ट्रिक बसों के लिए कुल 12 रूट चिह्नित किए गए हैं) शहर में यातायात के संसाधनों की कमी है। एसी इलेक्ट्रिक बसें चलने से शहर के लोगों को आवाजाही में आसानी होगी। यूपी कैबिनेट ने इलेक्ट्रिक बसों के परिचालन को मंजूरी प्रदान करके शहर को तोहफा दिया है। पहले चरण में 50 बसें चलेंगी।

- आशा शर्मा, मेयर


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