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जीडीए का नोटिस मिलने पर कोर्ट जाने लगे बिल्डर

समाजवादी आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाउसिग प्रोजेक्ट बनाने वाले छह बिल्डरों को जीडीए ने नोटिस भेजा है। उनसे विकास शुल्क की बकाया धनराशि मांगी गई है। इसके खिलाफ एक बिल्डर ने कोर्ट का रुख किया है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 09 Feb 2020 09:35 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 06:07 AM (IST)
जीडीए का नोटिस मिलने पर कोर्ट जाने लगे बिल्डर
जीडीए का नोटिस मिलने पर कोर्ट जाने लगे बिल्डर

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : समाजवादी आवास योजना के तहत अफोर्डेबल हाउसिग प्रोजेक्ट बनाने वाले छह बिल्डरों को जीडीए ने नोटिस भेजा है। उनसे विकास शुल्क की बकाया धनराशि मांगी गई है। इसके खिलाफ एक बिल्डर ने कोर्ट का रुख किया है।

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जीडीए के सीएटीपी आशीष शिवपुरी ने बताया कि समाजवादी आवास योजना के तहत राजनगर एक्सटेंशन छह बिल्डरों के प्रोजेक्ट मंजूर हुए थे। उस वक्त दो प्रावधान बिल्डरों को दिए गए थे। पहले प्रावधान के तहत यह प्रोजेक्ट के क्षेत्र का बाहरी विकास स्वयं करते तो इन्हें विकास शुल्क में छूट मिलती। दूसरे प्रावधान में स्पष्ट था कि विकास प्राधिकरण द्वारा विकास करने पर शुल्क में कोई छूट नहीं दी जाएगी। उन्होंने बताया कि राजनगर एक्सटेंशन का बाहरी विकास जैसे नाले, नालियां, सड़कें और स्ट्रीट लाइटें जीडीए ने लगाई हैं। इन बिल्डरों ने प्रोजेक्ट का नक्शा पास कराते वक्त शपथ पत्र दिया था कि वह विकास शुल्क का 25 फीसद हिस्सा जमा कराएंगे। 75 फीसद विकास शुल्क बाद में जमा करेंगे। सभी बिल्डरों ने मात्र 25 फीसद शुल्क ही जमा कराया है। किसी ने 40 करोड़ रुपये बकाया राशि जमा नहीं कराई है। इस कारण बिल्डरों को नोटिस भेजा गया है। जल्द ये भुगतान नहीं करते तो इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं बिल्डरों का कहना है कि उन्हें छूट देने का वादा किया गया था। उन्हें गलत नोटिस दिए गए हैं।


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