फ्लैट बेच जमीन पर ले लिया तीन करोड़ का लोन, बैंक ने चिपकाया नोटिस
फ्लैट बनाकर बेचने के बाद बिल्डर ने जमीन पर तीन करोड़ रुपये का लोन ले लिया। कंपनी दिवालिया हो गई तो बैंक ने जब फ्लैटों पर नोटिस चिपका दिया। बायर्स को पता चला तो बिल्डर से संपर्क किया। आरोपित ने आश्वासन दिया लेकिन संतुष्टि नहीं होने पर पीड़ितों ने एसएसपी को शिकायत दी। जांच के बाद कविनगर थाना पुलिस ने बिल्डर और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : फ्लैट बनाकर बेचने के बाद बिल्डर ने जमीन पर तीन करोड़ रुपये का लोन ले लिया। कंपनी दिवालिया हो गई तो बैंक ने फ्लैटों पर नोटिस चिपका दिया। बायर्स को पता चला तो उन्होंने बिल्डर से संपर्क किया। आरोपित ने आश्वासन दिया, लेकिन संतुष्टि नहीं होने पर पीड़ितों ने एसएसपी को शिकायत दी। जांच के बाद कविनगर थाना पुलिस ने बिल्डर और उसकी पत्नी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरसांव के गोविद विहार निवासी शिखा गोयल की ओर से कराई गई रिपोर्ट में बताया कि गया कि करीब 200 वर्ग मीटर जमीन पर चार मंजिला इमारत में 14 फ्लैट हैं। स्वर्णजयंतीपुरम इंद्रजीत ने ये फ्लैट बनाए थे, जिनमें से 12 बेच शिखा समेत 12 अन्य लोगों को बेच दिए। दो फ्लैट बिल्डर के पास हैं, जबकि बिके फ्लैटों में परिवार रह रहे हैं। शिखा ने बताया कि 18 नवंबर 2019 को पीएनबी की चंद्रनगर शाखा की ओर से बिल्डिग पर नोटिस चस्पा किया गया था। इसके मुताबिक मेसर्स अहलावत ट्रेडर्स ने इस जमीन के साथ डासना में करीब 600 वर्ग मीटर जमीन को बंधक रख साल-2016 में तीन करोड़ रुपये का लोन लिया था। लोन लेनी वाली कंपनी की मालिक सुनीता है, जो इंद्रजीत की पत्नी भी है। नोटिस के मुताबिक कुछ समय बाद ही कंपनी दिवालिया हो गई और बैंक का लगभग 3.61 करोड़ रुपये बकाया है। इसलिए इस जमीन पर बैंक का मालिकाना हक है।
इसी बिल्डिग में रहने वाले साड़ी कारोबारी सुनील गर्ग ने बताया कि 2012-13 में सभी ने फ्लैट खरीदे थे। बायर्स ने पहले बैंक और स्थानीय पुलिस को शिकायत दी। एसएसपी सुधीर कुमार सिंह के आदेश पर सुनीता और इंद्रजीत के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उनका प्रयोग करने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर कविनगर थाना पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।