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सेना भर्ती घोटाले में आरोपित तत्कालीन ब्रिगेडियर पेश

कचहरी में हड़ताल के कारण सोमवार को आगरा के सेना भर्ती घोटाले में सुनवाई नहीं हो सकी, हालांकि तत्कालीन ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह व अन्य पेश हुए। सुनवाई को अगली तारीख 24 अगस्त नियत की गई है। आगरा स्थित ब्रांच रिक्रूटमेंट ऑफिस (बीआरओ) में वर्ष 1991 में सेना भर्ती में घोटाला हुआ था। सीबीआइ की देहरादून शाखा ने वर्ष 1991 में ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह, सूबेदार हरी चंद, हवलदार क्लर्क अशोक शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें कुल 25 आरोपित हैं। मामले में वर्ष 2000 में चार्जशीट पेश की गई है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 07:58 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 07:58 PM (IST)
सेना भर्ती घोटाले में आरोपित तत्कालीन ब्रिगेडियर पेश
सेना भर्ती घोटाले में आरोपित तत्कालीन ब्रिगेडियर पेश

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : कचहरी में हड़ताल के कारण सोमवार को आगरा के सेना भर्ती घोटाले में सुनवाई नहीं हो सकी, हालांकि तत्कालीन ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह व अन्य पेश हुए। सुनवाई को अगली तारीख 24 अगस्त नियत की गई है। आगरा स्थित ब्रांच रिक्रूटमेंट ऑफिस (बीआरओ) में वर्ष 1991 में सेना भर्ती में घोटाला हुआ था। सीबीआइ की देहरादून शाखा ने वर्ष 1991 में ब्रिगेडियर जगजीत ¨सह, सूबेदार हरी चंद, हवलदार क्लर्क अशोक शर्मा व अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इसमें कुल 25 आरोपित हैं। मामले में वर्ष 2000 में चार्जशीट पेश की गई है।

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ईपीएफओ घोटाले में 24 व केनरा बैंक लोन घोटाले में 27 अगस्त को सुनवाई

जासं, गाजियाबाद : हड़ताल के कारण सोमवार को मेरठ के ईपीएफओ घोटाले व साहिबाबाद के केनरा बैंक लोन घोटाले में सुनवाई नहीं हो सकी। दोनों मामलों के आरोपित अदालत में पेश हुए। ईपीएफओ घोटाले में 24 अगस्त व केनरा बैंक लोन घोटाले में 27 अगस्त की सुनवाई को तारीख नियत की गई है। ईपीएफओ घोटाले का मामला सीबीआइ बनाम देव प्रसाद व अन्य चल रहा है। आरोप है कि वर्ष 2014 में मेरठ स्थित मैसर्स एवीए हैंड फैब्रिकेशन से कुछ कर्मचारियों को साजिश के तहत नौकरी से निकला दिया गया। इसके बाद फाइनल सेटलमेंट के नाम पर फंड व पेंशन स्कीम के फर्जी फार्म भरकर लाखों घोटाला किया। वहीं साहिबाबाद के केनरा बैंक लोन घोटाले का मामला सीबीआइ बनाम रणजीत श्रीवास्तव व अन्य चल रहा है। आरोप है कि तत्कालीन शाखा प्रबंधक रणजीत श्रीवास्तव ने अन्य आरोपितों के साथ कई फर्जी एफडी बनाई और नियमों को ताक पर रखकर लोन स्वीकृत किया।


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