Move to Jagran APP

सैनिटाइजर के नाम पर नीले पानी का काला कारोबार

शाहनवाज अली गाजियाबाद एक ओर जहां कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। वहीं इस मुश्किल

By JagranEdited By: Published: Thu, 13 May 2021 07:26 PM (IST)Updated: Thu, 13 May 2021 07:26 PM (IST)
सैनिटाइजर के नाम पर नीले पानी का काला कारोबार
सैनिटाइजर के नाम पर नीले पानी का काला कारोबार

शाहनवाज अली, गाजियाबाद

loksabha election banner

एक ओर जहां कोरोना महामारी का रूप ले चुका है। वहीं, इस मुश्किल दौर में लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर पैसा कमाने की अंधी दौड़ जारी है। इसका नतीजा है कि बाजार में सैनिटाइजर के नाम पर ग्राहकों से पूरी कीमत वसूलकर नीला पानी बेचा जा रहा है।

बाजार में खुशबूदार और अल्कोहल की गंध वाला नीले रंग का सैनिटाइजर खूब बिक रहा है। यह 50 मिली से पांच लीटर की कैन में उपलब्ध है। शहर की नई बस्ती समेत विभिन्न मार्केट व अधिकांश मेडिकल स्टोर पर यह उपलब्ध है। थोक मार्केट में पांच लीटर कैन की कीमत 150 रुपये से 200 रुपये तक है, जबकि रिटेल में आमजन को यह इस पर लिखी 2500 रुपये की कीमत या फिर कुछ कम में बेचा जा रहा है।

नीला रंग व गंध डालकर मानक के अनुरूप सैनिटाइजर न बनाने वाले लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। इनमें दो से चार प्रतिशत ही अल्कोहल डाला गया है। इथेनाल आइसोप्रोपाइल अल्कोहल आधारित हैंड सैनिटाइजर का इस्तेमाल सुरक्षित है। वहीं मिथाइल अल्कोहल से तैयार किया गया सैनिटाइजर नुकसानदेह है। मिथाइल अल्कोहल जहरीला होता है और त्वचा के संपर्क में आने पर यह एलर्जी पैदा कर सकता है। यह आंखों और सांसों के माध्यम से फेफड़ों तक पहुंच कर उसे नुकसान पहुंचा सकता है।

----------

रखें इन बातों का ख्याल

सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंटेशन (सीडीसी) के मुताबिक साबुन और पानी से 20 सेकेंड तक हाथ धोना ही बेहतर है। अगर साबुन उपलब्ध न हो तभी सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

- अच्छी कंपनी का सैनिटाइजर इस्तेमाल करें

- सैनिटाइजर को आंखों, खुली चोट आदि पर न लगने दें, खुशबू वाले सैनिटाइजर से बचें

- सैनिटाइजर को बच्चों की पहुंच से दूर रखें और खरीदते समय एक्सपायरी डेट जरूर देंखें

- हैंड सैनिटाइजर ज्वलनशील होता है, जिसे आग और गर्म स्थान से दूर रखें

- त्वचा पर किसी तरह की एलर्जी होने पर डॉक्टर से परामर्श लें

-----------

स्टैंडर्ड मानक के अनुसार कम से कम 60 प्रतिशत इथेनाल अल्कोहल या 70 प्रतिशत आइसोप्रोपाइल अल्कोहल वाले सैनिटाइजर में होना जरूरी है। इथेनाल हाथों के सुरक्षित और कीटाणु को खत्म करने में कारगर है। ग्राहक को नीले पानी के नाम पर ठगने के साथ ही जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है।

- अजनेय मित्तल, सैनिटाइजर एक्सपर्ट एवं कंपनी ऑनर

-------------

केमिकलयुक्त सैनिटाइजर के इस्तेमाल से खुजली, सूखापन, लाल दाने या निशान, जलन के मामले पिछले करीब एक साल में बढ़े हैं। अधिकांश लोगों ने सैनिटाइजर के जरूरत से ज्यादा इस्तेमाल या बाजार से सस्ते में खरीदे सैनिटाइजर को लगाने की बात की। इसलिए कोरोना से बचाव के लिए मास्क का इस्तेमाल करें और बेहतर कंपनी का सैनिटाइजर लें और तरीके से उपयोग करें।

- डॉ. भावुक मित्तल, त्वचा रोग विशेषज्ञ

-------------

नकली या मानक के अनुरूप दवा और सैनिटाइजर न बनाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जा रही है। ऐसे उत्पादों की बिक्री करने वालों की जानकारी औषधि विभाग को दें ताकि इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की सके। इनके खिलाफ अभियान शुरू करने के साथ ही थोक दुकानों से सैंपलिग भी जाएगी।

- अनुरोध कुमार, औषधि निरीक्षक


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.