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बारिश से पहले ही मर रहे जीवनदाता, कैसे होगा भूजल रीचार्ज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : गाजियाबाद पिछले एक दशक से डार्क जोन में है। यहां पर जल स्तर लगातार गिरत

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 May 2018 08:47 PM (IST)Updated: Mon, 14 May 2018 08:47 PM (IST)
बारिश से पहले ही मर रहे जीवनदाता, कैसे होगा भूजल रीचार्ज
बारिश से पहले ही मर रहे जीवनदाता, कैसे होगा भूजल रीचार्ज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : गाजियाबाद पिछले एक दशक से डार्क जोन में है। यहां पर जल स्तर लगातार गिरता जा रहा है। कंक्रीट के जंगल और अंधाधुंध चल रहे निर्माण कार्यों के चलते यह विकराल समस्या उत्पन्न हो गई है। लोगों को जीवन देने वाले जीवनदाता का जीवन संकट में पड़ गया है। स्थानीय नगर प्रशासन, जीडीए, वन विभाग और विभिन्न सामाजिक संगठन हर साल अभियान चलाकर पेड़ लगा रहे हैं, लेकिन पेड़ लगाने के बाद हो रही लापरवाही के चलते जीवनदाता का दम निकल रहा है। भूजल स्तर को पेड़ लगाकर बढ़ाने का प्रयास जिम्मेदार अफसरों की लापरवाही की भेंट चढ़ रहा है। पिछले साल करीब चार लाख पेड़ लगाए गए थे, लेकिन उनमें से बारिश शुरू होने के पहले ही हजारों पौधे सूख चुके हैं।

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पेड़ लगाने के बाद नहीं की जाती नियमित निगरानी :

शहर में ग्रीन बेल्ट, सेंट्रल बर्ज, पार्क, सड़क किनारे खाली पड़ी जमीन पर पौधरोपण किया जाता है। फोटो सेशन तक पौधरोपण का उत्साह रहता है। नारे भी लगाए जाते हैं। लेकिन पौध लगाने के बाद दोबारा शायद ही पौधा रोपण करने वाले मौके पर जाते हैं। शहर में ग्रीन बेल्ट, सेंट्रल बर्ज या पार्क में कई स्थानों पर कुछ लोगों द्वारा कूड़ा डाला जाता है। बीच बीच में कूड़े में आग लगा दी जाती है इससे पौधे अपने शैशव काल में ही दम तोड़ देते हैं। कूड़ा, कबाड़ में आग लगाने के बाद उसकी गैस और केमिकल से पौधे झुलस कर मुरझा जाते हैं और कुछ ही दिनों में दम तोड़ देते हैं।

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पेड़ नहीं होंगे तो पड़ेगा अकाल, नहीं बढ़ेगा भूजल स्तर :

पेड़ों की कमी के चलते वर्षा चक्रानुक्रम गड़बड़ हो गया है। दस साल पहले मई-जून से सितंबर अक्टूबर तक बारिश होती थी। लेकिन शहरीकरण के चलते विकास तो खूब हुआ लेकिन पेड़ों की संख्या निरंतर घटती गई। बारिश भी पहले की अपेक्षा काफी कम हो गई है। बारिश कम होने से इसका सीधा असर जमीन के अंदर भूजल स्तर पर पड़ रहा है। इसके लिए जरूरी है कि हर कोई किसी न किसी बहाने साल भर में एक पौधा जरूर लगाए।

-विजयपाल बघेल, पर्यावरण विद

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दस साल में भूजल स्तर पहुंच गया दोगुना नीचे :

दस साल पहले जहां गाजियाबाद में भूजल स्तर करीब 125 फुट नीचे था वहीं मौजूदा समय में यह स्तर दो सौ से सवा दो सौ फुट नीचे चला गया है। दस साल पहले जिले की आबादी करीब 20 लाख थी। मौजूदा समय में जिले की आबादी 45 लाख के पार चली गई है। पेड़ों की संख्या भी करीब 22 लाख थी, लेकिन मौजूदा समय में इनकी संख्या करीब 15 लाख बची है।

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इन स्थानों पर सूख गए पौधे :

न्यू गाजियाबाद रेलवे स्टेशन के निकट रेलवे लाइन के किनारे ग्रीन बेल्ट में

नासिरपुर फाटक के पास ग्रीन बेल्ट में

विजय नगर लाइनपार क्षेत्र प्रताप विहार

मोहन नगर जोन में राजेंद्र नगर क्षेत्र

वसुंधरा सेंट्रल बर्ज

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निगम क्षेत्र में जहां जहां पौधे लगे हैं उनकी देखभाल के लिए ट्री गार्ड लगे हैं। पौधे गर्मी में मुरझाएं न इसके लिए टैंकर से पानी डलवाया जाता है। पौधों की रक्षा के लिए ठेके पर माली की व्यवस्था की गई है। सुबह-शाम पानी देने के साथ उनकी देखभाल की जाती है। यदि कोई पेड़ को क्षति पहुंचाता है तो उसके खिलाफ जुर्माना लगाया जाता है। इस वर्ष भी एक लाख से अधिक पौधे निगम क्षेत्र में लगाने का लक्ष्य रखा गया है।

-सीपी ¨सह, नगर आयुक्त


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