अफसर व कर्मियों का डिजिटल डाटाबेस की तैयारी
जीडीए अपने कर्मचारियों का अत्याधुनिक डाटाबेस तैयार करा रहा है जिसके तैयार होने से प्राधिकरण अपने कर्मचारियों का पूरा लेखा-जोखा डिजीटल तरीके सहेजकर रख सकेगा। इसके अलावा हाजरी के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी है। प्राधिकरण परिसर से अधिकारी या कर्मचारी कितनी बार बाहर निकलते हैं इस पर भी नजर रखी जाएगी। प्राधिकरण के मुख्य गेट पर एक स्
- हाजरी लगाने के बाद कार्यालय समय में कौन कितनी बार बाहर निकला
- आगंतुकों से कितनी देर और कब-कब मिले अफसर-कर्मी रहेगा डाटा
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए अपने कर्मचारियों का अत्याधुनिक डाटाबेस तैयार करा रहा है, जिसके तैयार होने से प्राधिकरण अपने कर्मचारियों का पूरा लेखा-जोखा डिजीटल तरीके सहेजकर रख सकेगा। इसके अलावा हाजरी के लिए भी अत्याधुनिक तकनीक का इस्तेमाल करने की तैयारी है। प्राधिकरण परिसर से अधिकारी या कर्मचारी कितनी बार बाहर निकलते हैं इस पर भी नजर रखी जाएगी।
प्राधिकरण के मुख्य गेट पर एक स्कैन मशीन लगाई जाएगी। विशेष कार्याधिकारी संजय कुमार की माने तो अधिकारियों व कर्मचारियों का डिजीटल डाटाबेस तैयार हो रहा है। इसमें उनके पद से लेकर उनकी जोन में तैनाती तक की जानकारी दर्ज की जाएगी। ट्रैक रिकार्ड तैयार होने से प्राधिकरण को अपने अधिकारियों व कर्मचारियों की वर्तमान व बीते वक्त में रही तैनाती की जानकारी भी मिल जाएगी। जीडीए में अधिकारी व कर्मचारी अभी तक बायो मैट्रिक हाजरी लगाते हैं। जिसमें कर्मचारी अगूंठा लगाकर अपनी हाजरी देता है। लेकिन जल्द ही इसकी जगह फेस रीडिग सिस्टम ले लेगा, जो चेहरे को स्कैन कर उपस्थिति दर्ज करेगा। नई लागू होने जा रही व्यवस्था में, आगंतुकों को ई-पास दिए जाएंगे, जिस अधिकारी के पास आगंतुक जा रहा है। उससे वह कितनी बार मिला। इसके अलावा अधिकारी व कर्मचारी की रोज की गतिविधि पर नजर रखना आसान हो जाएगा। ऐसे में अगर कोई कर्मचारी काम में लापरवाही करता मिला तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।