महिला की कनपटी पर पिस्टल रखकर अपहरण का प्रयास, कार लूटी
तिगरी गोल चक्कर पर खड़ी कार पर हमला कर बदमाशों ने महिला की कनपटी पर पिस्टल रखकर उनके अपहरण का प्रयास किया। पीड़िता कार से निकलकर भागीं तो आरोपित लग्जरी कार लूटकर फरार हो गए। घटना रविवार देर रात पौने 11 बजे की है। आरोप है पुलिस ने पहले तो सीमा विवाद में मामले को उलझाया और फिर ऊल-जुलूल सवाल पूछकर तीन घंटे तक दंपती को परेशान किया।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : तिगरी गोल चक्कर पर खड़ी कार पर हमला कर बदमाशों ने महिला की कनपटी पर पिस्टल रखकर उनके अपहरण का प्रयास किया। पीड़िता कार से निकलकर भागीं तो आरोपित लग्जरी कार लूटकर फरार हो गए। घटना रविवार देर रात पौने 11 बजे की है। आरोप है पुलिस ने पहले तो सीमा विवाद में मामले को उलझाया और फिर ऊल-जुलूल सवाल पूछकर तीन घंटे तक दंपती को परेशान किया। सोमवार सुबह पीड़ित थाने पहुंचे तो जांच के लिए भी गाजियाबाद-नोएडापुलिस एक-दूसरे के पाले में गेंद फेंकती रही। इसके बाद विजयनगर थाने में पुलिस ने सिर्फ कार लूट की धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया।
नोएडा की गौर सिटी में रहने वाले राकेश कुमार ¨सह की दिल्ली के लक्ष्मीनगर में चार्टर्ड अकांउंटेंट की फर्म है। रविवार को छुट्टी के कारण वह इंदिरापुरम में रहने वाले अपने भाई प्रदीप से मिलने गए थे। लौटते समय करीब पौने 11 बजे उन्होंने अपनी क्रेटा कार तिगरी गोल चक्कर पर सब्जी खरीदने के लिए रोकी। पत्नी शिवानी थकान के कारण कार में ही बैठी रहीं, जिस कारण राकेश ने गाड़ी से चाभी नहीं निकाली। शिवानी के मुताबिक पति ने रोड क्रॉस ही की थी, कि एक युवक ने गाड़ी का गेट खोला और बरौला तक लिफ्ट देने की बात कही। शिवानी ने उसे दरवाजा बंद करने को कहा तो कनपटी पर पिस्टल लगा वह कार में बैठ गया। कार को स्टार्ट करने के दौरान शिवानी ने गेट खोलकर भागने की कोशिश की तो दूसरी ओर से एक और युवक पिस्टल लेकर आ गया। दोनों ने शिवानी को कार में खींचकर अपहरण करने की कोशिश की, लेकिन वह किसी तरह धक्का देकर भाग निकलीं। आसपास भीड़ देखकर दोनों कार में बैठे और फरार हो गए। तीन घंटे तक थाने में बैठे
राकेश के मुताबिक वह कुछ मिनट बाद लौटे तो मौके पर भीड़ थी। पत्नी ने सारी घटना बताई तो उन्होंने 100 नंबर पर कॉल की। उधर से नोएडा पुलिस ने उन्हें कॉल बैक किया और दो-तीन मिनट बात करने के बाद कहा कि मामला हमारे क्षेत्र का नहीं है। काफी कोशिश के बाद दुबारा नंबर मिला तो पीआरवी आई और उन्हें बिठाकर विजयनगर थाने ले गई। राकेश के मुताबिक वह 11 बजे थाने पहुंचे और यहां से रात दो बजे वह पत्नी के साथ घर के लिए निकले। विजयनगर पुलिस ने भी पहले मामला सीमा विवाद में उलझाने की कोशिश की और फिर उनसे ऊल-जुलूल सवाल पूछते रहे। कभी यह पूछते कि पत्नी क्यों बैठी रहीं, कार कैसे खरीदी, लोन कराया था, किससे कराया था। मगर देर रात वह तहरीर देकर निकल गए।
सीओ सिटी फर्स्ट धर्मेंद्र चौहान का कहना है कि कई बार लोन की कार की ईएमआइ न देने पर कंपनियों द्वारा अभद्रता कर कार ले जाने के मामले सामने आए हैं। इसी कारण पूछताछ की गई। तहरीर के मुताबिक धाराओं में ही मुकदमा दर्ज किया गया है। महिला के अपहरण के प्रयास की जानकारी नहीं है। घटनास्थल का मुआयना किया गया है। जल्द ही आरोपितों की पहचान कर गिरफ्तारी की जाएगी।