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पौधे लगाने के साथ ही देखभाल का भी रखें ख्याल

जागरण संवाददाता गाजियाबाद हर साल पौधारोपण का कार्यक्रम वृहद स्तर पर चलता है। इसके बा

By JagranEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 09:17 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 09:17 PM (IST)
पौधे लगाने के साथ ही देखभाल का भी रखें ख्याल
पौधे लगाने के साथ ही देखभाल का भी रखें ख्याल

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : हर साल पौधारोपण का कार्यक्रम वृहद स्तर पर चलता है। इसके बाद भी न तो उतने वृक्ष दिखाई देते हैं और न ही पर्यावरण में उतना सुधार महसूस होता है। इसकी वजह वानिकी को बढ़ावा देने के लिए मौजूद नीतियों में विसंगतियां हैं। वनस्पति शास्त्रियों का कहना है कि जितने पौधे लगाए जाते हैं, उनकी देखभाल की जरूरत है।

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शासन प्रशासन की ओर से हर साल भले ही बड़े स्तर पर पौधारोपण कराया जाता हो, लेकिन इसके बाद इन पौधों का क्या हुआ, इसकी खोज खबर नहीं रहती। इसके लिए लोगों को भी जिम्मेदारी उठानी होगी। घर के आसपास पौधा सूख रहा है या झुक रहा है तो लोगों को उसकी देखभाल करने की जिम्मेदारी उठानी चाहिए। यह सोच कर पौधे को नहीं छोड़ देना चाहिए कि उसकी देखभाल सरकारी महकमा ही करेगा। बच्चों का स्वस्थ बेहतर भविष्य देखना है ो करियर बनाने के साथ पर्यावरण को भी बेहतर रखने की कोशिश करनी होगी। सभी को थोड़ा-थोड़ा प्रयास भविष्य के लिए बड़ी राहत देने वाला हो सकता है।

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पौधों की दस साल जरूर हो देखभाल

वनस्पति शास्त्री डॉ. आरती सिंह कहती हैं कि पौधारोपण करने के बाद उसकी देखभाल और धैर्य की जरूरत होती है। प्रशासन की ओर से पौधारोपण कराने के बाद निगरानी के लिए एक समिति का गठन किया जाना चाहिए। पूरी देखभाल के साथ समय-समय पर व्यापक स्तर पर सर्वे किया जाना चाहिए कि कितने पौधे लगाए और उनमें से कितने बचे हैं। सर्वे में भी केवल कागजी कार्रवाई न होकर रिपोर्ट को गंभीरता से लिया जाना चाहिए। पौधे कम हुए तो क्यों हुए कारण भी होना जरूरी है। सर्वे के प्रति शासन प्रशासन को ज्यादा गंभीरता दिखाने की जरूरत है। कई पौधों को पांच साल तो कई को दस साल विशेष देखभाल की जरूरत होती है। जितने पौधे हर साल लगते हैं यदि उनकी ही देखभाल अच्छे से हो जाए तो भविष्य में वानिकी की कमी नहीं होगी।

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बच्चों और बुजुर्गों की हो सकती है महत्वपूर्ण भूमिका

वनस्पति शास्त्री डॉ. आरती सिंह का कहना है कि वानिकी की बात की जाए तो इसमें सबसे बड़ी भूमिका बच्चों और बुजुर्गों की साबित हो सकती है। जरूरत है तो योजना और प्रोत्साहन की। इसमें प्रशासन की ओर से वानिकी के लिए स्कूलों में बच्चों और बुजुर्गों के लिए समिति बनाई जा सकती है। बच्चों से पौधारोपण के लिए प्रोत्साहित करने के साथ उन्हें पौधे की देखभाल की भी जिम्मेदारी सौंपी जाए। बुजुर्ग लोग बच्चों को बताएं और सिखाएं कि किस तरह से उनके जीवन में वानिकी का महत्व है। कैसे पौधों को लगाया जा सकता है और कैसे उनकी देखभाल की जाए। बच्चों और बुजुर्गों समितियों को पौधारोपण के लिए और उनकी देखभाल के लिए सम्मानित भी किया जाए। इस नीति से बड़ा फायदा मिल सकता है।

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आज लगेंगे 6.72 लाख पौधे

वन महोत्सव सप्ताह की शुरुआत एक जुलाई से हो चुकी है। पांच जुलाई को प्रदेश सरकार ने सूबे में रिकार्ड 25 करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसमें गाजियाबाद जनपद में वन विभाग समेत 26 विभाग 6.72 लाख पौधारोपण करेंगे। इसमें सर्वाधिक ग्राम्य विकास विभाग 2,15,200 लाख व सबसे कम बेसिक व माध्यमिक शिक्षा विभाग को 490-490 पौधारोपण का लक्ष्य मिला है। दो गज की दूरी मास्क जरूरी का पालन करते हुए पौधारोपण किया जाएगा। महाकुंभ को लेकर जिलाधिकारी ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। जिलाधिकारी ने कहा है कि सभी अधिकारी पौधारोपण को लेकर अपनी तैयारी पूरी कर लें और लक्ष्य की 100 फीसद पूर्ति की जाए। विभाग अपने द्वारा लगाए गए पौधे और लक्ष्य के साथ उसकी सूचना तय प्रारूप पर वन विभाग के अधिकारियों को उपलब्ध कराएं।


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