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पुन:संशोधित : बेहतर विदेश नीति बनाकर देश की सेवा करना चाहती हैं अपाला मिश्रा

धनंजय वर्मा साहिबाबाद वसुंधरा सेक्टर पांच निवासी अपाला मिश्रा ने यूपीएससी में नौवीं रैंक हासि

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Sep 2021 10:31 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 12:29 AM (IST)
पुन:संशोधित : बेहतर विदेश नीति बनाकर देश की सेवा करना चाहती हैं अपाला मिश्रा
पुन:संशोधित : बेहतर विदेश नीति बनाकर देश की सेवा करना चाहती हैं अपाला मिश्रा

धनंजय वर्मा, साहिबाबाद : वसुंधरा सेक्टर पांच निवासी अपाला मिश्रा ने यूपीएससी में नौवीं रैंक हासिल की है। यूपीएससी का परिणाम आने के बाद उनके घर बधाइयों का तांता लग गया। स्वजन ने मिठाई खिलाकर उन्हें बधाई दी। अपाला ने बताया कि वह भारतीय विदेश सेवा में जाकर बेहतर विदेश नीति बनाने के लिए काम करना चाहती हैं। उनका लक्ष्य इसी दिशा में काम कर भारत को विश्वगुरु बनाना है। वहीं अपाला कालजयी साहित्यकार अचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी की नातिन हैं। अपाला मूलरूप से बस्ती के पुराना डाक खाना, सिविल लाइन के रहने वाले सेना में कर्नल अमिताभ मिश्रा की बेटी हैं। उनकी मां अल्पना दिल्ली विश्वविद्यालय में हिदी की प्रोफेसर व प्रसिद्ध साहित्यकार हजारी प्रसाद प्रसाद द्विवेदी की भतीजी हैं व भाई अभिलेख आर्मी में मेजर हैं। हैदराबाद के आर्मी कालेज आफ डेंटल साइंसेज से बीडीएस करने के बाद अपाला ने सिविल सेवा की तैयारी शुरु की। अपाला ने बताया कि उनका लक्ष्य देश सेवा था। इसके चलते उन्होंने बीडीएस किया। हालांकि बाद में यह अहसास हुआ कि वैश्विक स्तर पर देश सेवा करने के लिए सिविल सेवा में जाना होगा। इसके बाद उन्होंने भारतीय विदेश सेवा को लक्ष्य बनाते हुए आइएएस की तैयारी शुरु की। तीसरे प्रयास में उन्होंने नौवीं रैंक हासिल की है।

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विदेशों से रिश्तों को मजबूती देने पर करेंगी काम : अपाला ने बताया कि वर्ष 2018 व 19 के प्रयास में असफल रहीं। लेकिन असफलता कभी रुकावट नहीं बनीं। अक्टूबर 2020 में तीसरी बार परीक्षा दी, जनवरी 2021 में मेंस दिया। अगस्त में साक्षात्कार हुआ। शुक्रवार को यूपीएससी का रिजल्ट आया तो पता चला कि अपाला ने देश में नौवीं रैंक हासिल की है। अपाला का कहना है कि उन्होंने भारतीय विदेश सेवा का विकल्प चुना है। वह अन्य देशों के साथ भारत के रिश्तों को मजबूत करने की दिशा में काम करना चाहती हैं। साथ ही भारत को विश्व गुरु बनाने के लिए भारतीय सभ्यता को अन्य देशों तक पहुंचाना चाहती हैं। कोरोना जैसी महामारी में तमाम देश भारत के साथ खड़े हुए। लेकिन अभी और बेहतर किया जा सकता है।

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आत्मविश्वास के साथ नियमित पढ़ाई की :

अपाला का कहना है कि तैयारी के दौरान जो खुद को ठीक लगे वह करें। मेहनत, लगन और आत्मविश्वास के साथ निरंतर पढ़ाई करें। मानसिक तनाव न लें। जब भी पढ़ाई करें मन लगाकर करें। उन्होंने नियमित सात घंटे तक की पढ़ाई की और मुकाम हासिल किया।


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