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एक साल की तैयारी में अक्षिता ने हासिल की यूपीएससी में सफलता

जासं गाजियाबाद राजनगर एक्सटेंशन की अजनारा इंटेग्रिटी सोसायटी रहने वाली अक्षिता श्रीवास्तव ने एक साल तैयारी में पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता पाकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है। अक्षिता ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2020 में 251 रैंक पाई है। शुरुआत से ही उनका लक्ष्य सिविल सर्विस था। इंटरनेट मीडिया से पूरी तरह दूर रहकर ने तैयारी करते हुए अक्षिता को सफलता मिली। अक्षिता के प्रेरणास्रोत उनके बाबा आरसी सिन्हा हैं जो महाराष्ट्र कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 09:31 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 09:31 PM (IST)
एक साल की तैयारी में अक्षिता ने हासिल की यूपीएससी में सफलता
एक साल की तैयारी में अक्षिता ने हासिल की यूपीएससी में सफलता

जासं, गाजियाबाद : राजनगर एक्सटेंशन की अजनारा इंटेग्रिटी सोसायटी रहने वाली अक्षिता श्रीवास्तव ने एक साल तैयारी में पहले ही प्रयास में यूपीएससी में सफलता पाकर अपने परिवार का नाम रोशन किया है। अक्षिता ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा-2020 में 251 रैंक पाई है। शुरुआत से ही उनका लक्ष्य सिविल सर्विस था। इंटरनेट मीडिया से पूरी तरह दूर रहकर ने तैयारी करते हुए अक्षिता को सफलता मिली। अक्षिता के प्रेरणास्रोत उनके बाबा आरसी सिन्हा हैं, जो महाराष्ट्र कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी हैं।

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अक्षिता के पिता अंबुज श्रीवास्तव सेंट्रल जीएसटी कमिश्नरेट गाजियाबाद में कार्यरत हैं। मां प्रीति श्रीवास्तव गृहणी हैं व भाई अदविक श्रीवास्तव कक्षा नौ के छात्र हैं। अक्षिता ने डीपीएसजी मेरठ रोड से 96 फीसद अंकों से 12वीं की है। 2019 में डीयू से पालीटिकल साइंस से बीए आनर्स किया। इसके बाद से ही वह सिविल सर्विस की तैयारी में जुट गई और इसके एक साल उन्होंने कोचिग भी की। इस तरह पहले ही प्रयास में सफलता पाई। वह अभी यूपीएससी की तैयारी जारी रखेंगी और आगे भी परीक्षा में शामिल होकर ज्यादा बेहतर रैंक पाना चाहती हैं। परीक्षा की तैयारी में उनके मां और पिता अंबुज श्रीवास्तव का मार्गदर्शन रहा। एनटीएसई (नेशनल टैलेंट सर्च एग्जामिनेशन) स्कालर रहने के साथ वह विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेकर विजेता रही हैं। जब मन हो तभी करें पढ़ाई : अक्षिता ने नियमित 8-10 घंटे पढ़ाई कर यूपीएससी में सफलता पाई है, लेकिन उनका कहना है कि जब मन हो तभी पढ़ाई के लिए बैठे। बिना मन के किताब लेकर बैठे रहने से कोई फायदा नहीं है। दिमाग तरोताजा रखने के लिए जो भी शौक हो वह काम करें। अक्षिता को नोवेल पढ़ना पसंद है। सिविल सर्विस की तैयारी के लिए नियमित पढ़ाई कर सिलेबस समय से पूरा करें। पढ़ाई के साथ रिविजन करना बहुत जरूरी है।


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