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हवा प्रदूषित, पानी भी हो रहा दूषित

संवाद सहयोगी लोनी मानकों के विपरीत चलती अवैध इकाइयों से उठते धुंए और जगह-जगह जलते कु

By JagranEdited By: Published: Fri, 26 Nov 2021 10:31 PM (IST)Updated: Fri, 26 Nov 2021 10:31 PM (IST)
हवा प्रदूषित, पानी भी हो रहा दूषित
हवा प्रदूषित, पानी भी हो रहा दूषित

संवाद सहयोगी, लोनी : मानकों के विपरीत चलती अवैध इकाइयों से उठते धुंए और जगह-जगह जलते कुड़े व तार से शहर की आबोहवा तो प्रदूषित हो चुकी है। अब विभिन्न कालोनी के प्लाटों में भरे दूषित पानी ने भूगर्भ का पानी भी दूषित करना शुरू कर दिया है। लोगों का मानना है कि प्रदूषण के कारण शहर रहने लायक नहीं बचा है। लोगों ने अधिकारियों से शहर को प्रदूषण मुक्त कराने की मांग की है।

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-- इनसे हवा हुई प्रदूषित : आरोप है कि अधिकारी सरकारी कार्यो में हो रही लापरवाही की ओर ध्यान नहीं देते। लोनी रेलवे स्टेशन के पास रोड निर्माण, पाइप लाइन रोड पर पैच वर्क का कार्य और खन्ना नगर कालोनी में अंडरग्राउंड पानी की टंकी का निर्माण कार्य चल रहा है। जहां धूल को शांत करने के लिए पानी का छिड़काव तक नहीं किया जा रहा है। यहां धूल के कण हवा में घुल कर उसे प्रदूषित कर रहे हैं। वहीं आर्य नगर, अमित विहार, कृष्णा विहार और सेवाधाम कालोनी में अवैध इकाइयों से उठता धुंआ भी हवा में जहर खोलने का कार्य कर रहा है।

-- घातक शहर की हवा : पिछले कुछ दिनों से लोनी जिले का सर्वाधिक प्रदूषित शहर रहा है। इसका एक्यूआई 350 से अधिक रहा था। डाक्टरों की माने तो एक सिगरेट में करीब 250 से अधिक एक्यूआई के बराबर प्रदूषण होता है। 350 एक्यूआई वाले क्षेत्र में बिना मास्क घंटेभर रहने पर फेफड़ों में एक सिगरेट के बराबर धुआं पहुंच रहा है। ऐसे में लोगों को सूखी खांसी और सांस लेने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वहीं धूल के कणों से लोगों को अस्थमा समेत कई अन्य बीमारियां घेर रही हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत बुजुर्गों और बच्चों को है।

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यहां भरा दूषित पानी : ट्रानिका सिटी औद्योगिक क्षेत्र, रूप नगर औद्योगिक क्षेत्र, अशोक विहार, बागराणप, आदेश नगर, महल कालोनी, नसबंदी कालोनी के खाली प्लाटों में दूषित पानी एकत्र है। यह पानी धीरे-धीरे जमीन के नीचे जाता रहा है। जिससे भूगर्भ का पानी भी दूषित हो जाता है। बागराणप गांव के पूर्व सभासद आदेश कश्यप बताते हैं कि 20 वर्ष पूर्व कालोनी में महज 30 फीट पर हैंडपंप लगाकर पीने योग्य पानी मिल जाता था लेकिन कुछ वर्षों बाद हैंडपंप का पानी कुछ देर रखने पर पीला होने लगा। जिसके बाद लोगों को 120 फीट पर बोरिग कराना पड़ा। अब इस पानी के पीने से पेट में गैस की समस्या महसूस होने लगी है। -- वर्जन : प्रदूषण को रोकने के लिए अवैध इकाइयों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी ठेकेदारों को साइट पर पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए जा रहे हैं। जिससे धूल के कारण लोगों को परेशानी न हो सके। - संतोष कुमार राय, उपजिलाधिकारी लोनी


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