एमपीएस की सफाई करने उतरे दो कर्मचारियों समेत तीन की मौत
लोनी की डाबर तालाब कॉलोनी स्थित जल निगम के करीब 40 फीट गहरे एमपीएस (मेन पं¨पग स्टेशन) की रविवार सुबह सफाई करने गए दो कर्मचारियों समेत तीन की मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन के नाकाम होने पर एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) टीम ने करीब सवा दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने एमपीएस में मीथेन गैस बनने से तीनों की मौत होने की बात की है। वहीं, आरोप है कि ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे घटना घटित हुई।
संवाद सहयोगी, लोनी (गाजियाबाद) : लोनी की डाबर तालाब कॉलोनी स्थित जल निगम के करीब 40 फीट गहरे एमपीएस (मेन पंपिंग स्टेशन) की रविवार सुबह सफाई करने गए दो कर्मचारियों समेत तीन की मौत हो गई। स्थानीय प्रशासन के नाकाम होने पर एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स) टीम ने करीब सवा दो घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद तीनों शवों को बाहर निकाला। अधिकारियों ने एमपीएस में मीथेन गैस बनने से तीनों की मौत होने की बात की है। आरोप है कि ठेकेदार द्वारा कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराए गए, जिससे घटना घटित हुई।
जल निगम का डाबर कॉलोनी में एमपीएस है। इसमें शहर की कॉलोनियों के सीवर का गंदा पानी एकत्र होता है। यहां से गंदे पानी को ट्रीटमेंट के लिए डीएलएफ अंकुर विहार कॉलोनी स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) में भेजा जाता है। एसटीपी में गंदे पानी को ट्रीट कर यमुना नदी में छोड़ा जाता है। जल निगम ने इस प्लांट की आपूर्ति और सफाई का ठेका एनवायरो कंपनी को दे रखा है। रविवार को एमपीएस पर साइट इंचार्ज सुनील शर्मा, पप्पू, रोशन लाल (32) निवासी सहारनपुर, महेश (28) निवासी गढ़ी सिरौरा थाना चांदी नगर जिला बागपत तैनात थे। सुबह करीब साढ़े नौ बजे रोशन लाल और पप्पू एमपीएस की सफाई करने रस्सी के सहारे प्लांट में उतरे और महेश रस्सी पकड़ कर ऊपर खड़ा था। नीचे उतरने पर रोशन लाल को दम घुटता महसूस हुआ तो उसने पप्पू से वापस चलने को कहा। पप्पू जल्दी से ऊपर चढ़ गया, जबकि रोशन लाल नीचे गिर गया। महेश ने पप्पू को ऊपर खींचा और स्वयं रस्सी बांधकर रोशन लाल को लाने नीचे उतर गया। अंदर जाकर वह भी गिर गया। पप्पू और साइट इंचार्ज सुनील शर्मा ने शोर मचाया। आसपास से एकत्र हुए लोगों में से चार लोग एमपीएस में उतर कर रोशन लाल और महेश को बाहर निकालने का प्रयास किया, लेकिन गैस के कारण तीन लोग बाहर निकल गए, जबकि बुलबुल (28) निवासी हॉल पता नसबंदी कॉलोनी लोनी नीचे ही रह गया। वह मूलरूप से थाना सुभाष नगर बरेली का रहने वाला था और कबाड़ का काम करता था।
इसके बाद सुनील शर्मा ने घटना की सूचना पुलिस और डीएलएफ स्थित सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के कर्मचारियों को दी। सूचना पर तीन कांस्टेबल मौके पर पहुंचे। उन्होंने आलाधिकारियों को सूचना दी। सीओ दुर्गेश कुमार ¨सह, एसएचओ उमेश पांडेय पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। बचाव कार्य के लिए फायर स्टेशन अधीक्षक और एनडीआरएफ को सूचना दी गई। दो फायर कर्मचारियों ने एमपीएस में जाने की तैयारी शुरू कर दी, लेकिन तब तक एनडीआरएफ की टीम पहुंच गई। एनडीआरएफ के जवान मुलायम ¨सह और सोनू मास्क और ऑक्सीजन लेकर नीचे उतरे। करीब सवा दो घंटे की मशक्कत के बाद टीम तीनों शवों को बाहर निकाल सकी। मौके पर पहुंचे अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व सुनील कुमार ¨सह ने बताया कि कंपनी के खिलाफ लापरवाही बरतने और सफाई के दौरान कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध न कराने के कारण रिपोर्ट दर्ज कराई जा रही है।