एडवोकेट कमिश्नर ने की शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी की जांच
उच्च न्यायालय से नामित एडवोकेट कमिश्नर आनंद कुमार सिन्हा ने बृहस्पतिवार को शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी की स्थलीय जांच की। लोगों की मांग व सुझाव जाने। इस दौरान सोसायटी में काफी गहमागहमी रही। अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन ने सोसायटी के अवशेष कार्यों का विवरण लिखा पोस्टर लगाया तो तमाम लोगों ने नो स्कूल का पोस्टर लहराया।
जागरण संवाददाता, इंदिरापुरम : उच्च न्यायालय इलाहाबाद से नामित एडवोकेट कमिश्नर आनंद कुमार सिन्हा ने बृहस्पतिवार को शिप्रा कृष्णा विस्टा सोसायटी की जांच की। लोगों की मांग व सुझाव जाने। इस दौरान सोसायटी में काफी गहमागहमी रही। अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन ने सोसायटी के अवशेष कार्यो का विवरण लिखा पोस्टर लगाया, तो तमाम लोगों ने नो स्कूल का पोस्टर लहराया।
आनंद कुमार सिन्हा गाजियाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों के साथ सुबह करीब सवा 10 बजे सोसायटी पहुंचे। उन्होंने सोसायटी में घूम कर स्थलीय निरीक्षण किया। भवन, पार्क, पार्किग, स्वीमिग पूल, लिफ्ट आदि की जांच की। उसके बाद सोसायटी के क्लब हाउस में लोगों के सुझाव सुने। इस दौरान तमाम लोगों ने नो स्कूल का पोस्टर हाथ में लेकर लहराया। उन्होंने पोस्टरों को साक्ष्य के रूप में जमा कराया। पोस्टर पर लोगों के फ्लैट का विवरण अंकित था। तमाम लोगों ने स्कूल बनाने का पक्ष रखा। इस दौरान उन्होंने ऊंचाई पर बने पार्क के संबंध में लोगों की राय ली। बुजुर्गो व महिलाओं से पूछा कि ऊंचाई पर स्थित पार्क में पहुंचने में दिक्कत होती है या नहीं। लोगों की राय को उन्होंने नोट किया। दोपहर करीब 12 बजे तक चली इस प्रक्रिया में एओए पदाधिकारी, स्थानीय निवासी व बिल्डर के लोग मौजूद रहे। आनंद कुमार सिन्हा अपनी रिपोर्ट उच्च न्यायालय को देंगे।
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एओए ने लगाया पोस्टर : एओए ने क्लब हाउस के द्वार पर दो बड़े पोस्टर लगाए। एक पोस्टर में बिल्डर की ओर से एग्रीमेंट के अनुसार नहीं कराए गए 21 कार्यो को लिखा। दूसरे पोस्टर में सोसायटी में व्याप्त अव्यवस्थाओं की फोटो लगाई।
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यह है मामला : सोसायटी के एओए ने 2016 में उच्च न्यायालय इलाहाबाद में याचिका दायर कर बताया था कि बिल्डर ने एग्रीमेंट के अनुसार 21 कार्य नहीं कराए हैं। उनमें तीन ब्लॉकों में पेंट, दो लिफ्ट, कुछ स्थानों पर सीसीटीवी नहीं लगाना शामिल है। लैंडस्केपिग, प्ले ग्राउंड, क्लब फर्निशिग, एलईडी स्ट्रीट लाइट, पंपिग स्टेशन के कार्य अधूरे हैं। प्राइमरी स्कूल नहीं बनाया गया है। हालांकि स्कूल को लेकर सोसायटी के लोगों में दो मत है। कुछ लोग स्कूल का निर्माण चाहते हैं, कुछ नहीं चाहते हैं। इस मामले की जांच के लिए उच्च न्यायालय ने आनंद कुमार सिन्हा को एडवोकेट कमिश्नर नामित किया है।