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धरनारत आठ लेखपालों पर निलंबन की गाज

-संघ के पदाधिकारियों के निलंबन के बाद मचा हड़कंप जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अपनी मांगों को लेकर धरनारत लेखपालों पर शासन के निर्देश पर चल रही कार्यवाही के चलते सोमवार को लेखपाल संघ के जिला इकाई के आठ पदाधिकारी को जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया। निलंबन की सूचना के बाद संघ में हड़कंप मचा हुआ है। धरनारत लेखपालों को का कहना है कि शासन लेखपालों का शोषण कर रही है। अब तक जिले में 14 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 16 Jul 2018 07:24 PM (IST)Updated: Mon, 16 Jul 2018 07:24 PM (IST)
धरनारत आठ लेखपालों पर निलंबन की गाज
धरनारत आठ लेखपालों पर निलंबन की गाज

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : अपनी मांगों को लेकर धरनारत लेखपालों पर शासन के निर्देश पर चल रही कार्रवाई के तहत सोमवार को आठ लेखपालों को जिला प्रशासन ने निलंबित कर दिया। सभी लेखपाल संघ की जिला इकाई के पदाधिकारी हैं। धरनारत लेखपालों का कहना है कि शासन लेखपालों का शोषण कर रहा है। अब तक जिले में 14 लेखपालों को निलंबित किया जा चुका है।

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डीएम रितु माहेश्वरी का कहना है कि सरकार हड़ताल को लेकर काफी सख्त हो चुकी है। हड़ताल से काम प्रभावित हो रहा है। हालांकि आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र बनाने के लिए ग्राम्य विकास अधिकारी और ग्राम पंचायत अधिकारी स्तर के अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई है। जिले में कुल 72 लेखपाल हैं। इनमें से 49 को आवश्यक सेवा अनुरक्षण कानून के तहत नोटिस दिया जा चुका है। लेखपाल संघ के पदाधिकारियों को कड़ी चेतावनी देने के बाद भी कोई असर नहीं होने पर सोमवार को जिला प्रशासन ने आठ पदाधिकारियों को निलंबित कर दिया।

निलंबित किए लेखपाल संघ के पदाधिकारियों में जिलाध्यक्ष सिद्धार्थ कौशिक, तहसील अध्यक्ष राम ¨सह बिरदी, तहसील मंत्री सुबोध शर्मा, मोदीनगर तहसील से जिला मंत्री किरनपाल ¨सह, अध्यक्ष संजय कुमार, राहुल राठी, लोनी तहसील से जिला सह सचिव मनोज कुमार, तहसील अध्यक्ष कोमल प्रसाद शामिल हैं। बीते सप्ताह छह लेखपालों को निलंबित कर लेखपाल पदाधिकारियों को चेतावनी दी गई थी।


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