Move to Jagran APP

पोटेशियम सायनाइड के बजाय नशीली गोली ले गया सुमित!

सुमित कुमार ने अपने 2.40 मिनट के वीडियो में बताया कि वह पोटैशियम सायनाइड खाकर पांच मिनट में अपनी भी जिदगी खत्म कर लेगा। मगर सोमवार को गिरफ्तार हुकुम मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसके पास पोटैशियम सायनाइड नहीं थी। सुमित काफी जिद कर रहा था जिस कारण मुकेश ने दूसरी दवा पोटैशियम सायनाइड बताकर उसे दे दी।

By JagranEdited By: Published: Mon, 22 Apr 2019 09:20 PM (IST)Updated: Tue, 23 Apr 2019 06:25 AM (IST)
पोटेशियम सायनाइड के बजाय नशीली गोली ले गया सुमित!
पोटेशियम सायनाइड के बजाय नशीली गोली ले गया सुमित!

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : सुमित कुमार ने अपने 2.40 मिनट के वीडियो में बताया कि वह पोटेशियम सायनाइड खाकर पांच मिनट में अपनी भी जिदगी खत्म कर लेगा। मगर सोमवार को गिरफ्तार हुकुम मेडिकल स्टोर संचालक मुकेश ने पुलिस को बताया कि उसके पास पोटेशियम सायनाइड नहीं थी। सुमित काफी जिद कर रहा था, जिस कारण मुकेश ने दूसरी दवा पोटेशियम सायनाइड बताकर उसे दे दी। विश्वास दिलाने के लिए इसके व नशीली गोलियों के एवज में उससे 22,500 रुपये वसूल लिए। पुलिस अधिकारी मुकेश के बयान पर अभी पूरी तरह भरोसा नहीं कर रहे। मगर वह यह भी कह रहे हैं कि पोटेशियम सायनाइड मेडिकल स्टोर पर मिलना लगभग असंभव है। तलाशी में भी उसकी दुकान से नहीं मिला है। अपग्रेडेड सिस्टम पर नहीं कर पाया काम

loksabha election banner

पंकज ने बताया कि बंगलुरु की कंपनी में सुमित ने अक्टूबर-2018 में 14 लाख रुपये के पैकेज पर एप्लीकेशन मैनेजर के रूप में ज्वॉइन किया था। यूएसटी ग्लोबल कंपनी ने दो माह बाद ही अपना सिस्टम अपग्रेड कर दिया, जिस पर सुमित काम नहीं कर पाया। जनवरी में ही उसने इस्तीफा दे दिया, लेकिन घर वालों को इस बारे में नहीं पता था। भाई अमित के साथ रहकर नौकरी तलाशता रहा। जॉब न मिलने पर होली पर वह घर लौटा और तब इसकी जानकारी दी। जमशेदपुर शिफ्ट होना चाहती थी अंशु

पंकज के मुताबिक सुमित की लत और बेरोजगारी के कारण अंशु मई में जमशेदपुर स्थित सुमित के घर पर शिफ्ट होने के बारे में सोच रही थी, ताकि परिवार के खर्च कम हो सकें। मगर सुमित इसका विरोध करता था। अंशु के दूसरे भाई मनीष ने बताया कि सुमित परिवार व रिश्तेदारों में ज्यादा खुलता नहीं था। माता-पिता की मौत के बाद जमशेदपुर स्थित घर बंद पड़ा है। मगर आज तक सुमित वहां नहीं गया। उसका बड़ा भाई अमित ही वहां जाकर घर की देखभाल करता है।

कमरा कह रहा अंशू के संघर्ष की कहानी

नशीली दवा के कारण बेहोश अंशु के गर्दन पर सुमित ने चापड़ चलाया तो बेहोशी में भी उसने संघर्ष किया। जिस कमरे से अंशु का शव खून में लथपथ मिला, वह अंशु के संघर्ष की कहानी बयान कर रहा है। वहीं सूत्रों का भी कहना है कि तीनों बच्चों के सिर्फ गले पर ही कट मारा गया है, जबकि अंशू के शरीर के अन्य हिस्सों पर भी निशान मिले हैं।

मुकेश ने बताया कि पोटेशियम सायनाइड के स्थान पर दूसरी दवा सुमित को दी है। इस तरह पोटेशियम सायनाइड मिलता भी नहीं है। हालांकि सुमित के मिलने के बाद ही इस बारे में स्थिति साफ होगी।

- श्लोक कुमार, एसपी सिटी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.