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एचटी लाइन टूटने से दो नीलगायों की मौत, 20 घंटे का कट

विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते सिकरोड़ में सोमवार की रात दो नीलगाय की मौत हो गई। 11 हजार केवीए की लाइन टूटकर खेत में गिरी, जिसकी चपेट में दोनों पशु आ गए और उनकी मौत हो गई। लाइन टूटते ही अटौर स्थित 33/11 केवी बिजलीघर की सप्लाई बाधित हो गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नीलगाय की टक्कर से लाइन टूटी है और मंगलवार को तीन बजे तक सप्लाई सुचारू करा दी गई थी। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जर्जर लाइन खुद ही टूटी है, क्योंकि किसी भी पोल को क्षति नहीं पहुंची है। वहीं सोमवार रात की गई लाइट मंगलवार रात सुचारू हो पाई। अटौर बिजलीघर से जुड़े करीब दो हजार परिवारों को करीब 20 घंटे तक आपूर्ति नहीं मिली।

By JagranEdited By: Published: Tue, 31 Jul 2018 07:21 PM (IST)Updated: Tue, 31 Jul 2018 07:21 PM (IST)
एचटी लाइन टूटने से दो नीलगायों की मौत, 20 घंटे का कट
एचटी लाइन टूटने से दो नीलगायों की मौत, 20 घंटे का कट

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते सिकरोड़ में सोमवार की रात दो नीलगाय की मौत हो गई। 11 हजार केवीए की लाइन टूटकर खेत में गिरी, जिसकी चपेट में दोनों पशु आ गए और उनकी मौत हो गई। लाइन टूटते ही अटौर स्थित 33/11 केवी बिजलीघर की सप्लाई बाधित हो गई। विद्युत विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नीलगाय की टक्कर से लाइन टूटी है और मंगलवार को तीन बजे तक सप्लाई सुचारू करा दी गई थी। वहीं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि जर्जर लाइन खुद ही टूटी है, क्योंकि किसी भी पोल को क्षति नहीं पहुंची है। वहीं सोमवार रात की गई लाइट मंगलवार रात सुचारू हो पाई। अटौर बिजलीघर से जुड़े करीब दो हजार परिवारों को करीब 20 घंटे तक आपूर्ति नहीं मिली। कई पशु-पक्षियों की जा चुकी है जान

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सिकरोड़ में सोमवार रात जिस एचटी लाइन ने दो नीलगाय की जान ली, इसकी चपेट में आने से पूर्व में कई मोर व मवेशी अपनी जान गंवा चुके हैं। गांव के बीच से गुजर रही दशकों पुरानी जर्जर हो चुकी लाइन के गिरने से साल 2016 में एक किसान के छह मवेशियों की मौत हो चुकी है। इस साल अब तक चार बार लाइन टूट चुकी है, जिसके चलते तीन मोर की भी जान जा चुकी है। हर बार लाइन टूटने पर ग्रामीण विरोध करते हैं। मंगलवार सुबह भी ग्रामीणों ने रोष जताया। लोगों का कहना है कि सालों से लोग गांव के बीच से गुजर रही लाइन को शिफ्ट कराने की मांग कर रहे हैं। 2016 में बरसात के समय लाइन टूटने से पूरा परिवार बाल-बाल बच गया था। छह मवेशियों की मौत पानी के चलते करंट फैलने से हो गई थी।

रात काली, सुबह नहीं मिला पानी

अटौर बिजलीघर से जुड़े नूर शांतिनगर में देर रात साढ़े 12 बजे फॉल्ट के चलते एक फेज चला गया था। इसके कुछ समय बाद ही लाइन टूट गई, जिसके बाद अटौर बिजलीघर की सप्लाई पूरी तरह बाधित हो गई। इस कारण नूर शांतिनगर, अटौर व सिकरोड़ में रहने वाले करीब दो हजार परिवारों की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई। मंगलवार सुबह कई लोग बिजलीघर पहुंचे, जहां उन्हें सप्लाई को लेकर जवाब नहीं मिला। लोगों का कहना है लाइट जाने से रात में न तो नींद पूरी हुई और सुबह पानी की किल्लत भी झेलनी पड़ी। पूरा दिन भी बिजली न आने से घर के काम भी नहीं हो पाए।

पहले किया अनदेखा, फिर शेड्यूल का बहाना

बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना है कि नूर शांतिनगर में लो-वोल्टेज वहां के ट्रांसफार्मर की खराबी के चलते हुआ। मंगलवार को दोपहर बाद ढाई बजे लाइन जोड़ दी गई थी। मगर यहां पांच बजे के बाद दुबारा उच्चाधिकारियों से शिकायत करने के बाद ही लाइनमैन को भेजा गया, जबकि फॉल्ट रात साढ़े 12 बजे हुआ था। लोगों ने लो-वोल्टेज की सूचना तुरंत उपखंड अधिकारी रजनीश को दी थी। मगर पहले अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे और बाद में शेड्यूल का बहाना बनाया गया। अधीक्षण अभियंता तृतीय राजीव जैन का कहना है कि यह ग्रामीण क्षेत्र है। शेड्यूल के मुताबिक शाम पांच बजे से यहां सप्लाई दी जाती है। इसीलिए लो-वोल्टेज की जांच सप्लाई सुचारू होने के बाद ही कराई जा सकती थी।


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