अवैध मनोकामना रेजिडेंसी में 13 निर्माणाधीन भवन और 21 दुकानें ध्वस्त
जीडीए ने बृहस्पतिवार को राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र के नूरनगर गांव में बस रही अवैध कॉलोनी मनोकामना रेजिडेंसी में 13 निर्माणाधीन भवन और तीन मंजिल की 21 दुकानों को ध्वस्त किया। प्रवर्तन जोन-एक की टीम ने जीडीए पुलिस बल के सहारे इस कार्रवाई को अंजाम दिया। आठ बार थाने से पुलिस बल मांगने पर सहयोग न मिलने पर जीडीए की टीम को अकेले कार्रवाई करनी पड़ी। इस कॉलोनी के विकासकर्ता मुकेश त्यागी के खिलाफ पहले से थाना सिहानी गेट में मुकदमा दर्ज है। इस विकासकर्ता के खिलाफ जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जा चुका है लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : जीडीए ने बृहस्पतिवार को राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र की तरफ नूरनगर गांव में बस रही अवैध कॉलोनी मनोकामना रेजिडेंसी में 13 निर्माणाधीन भवन और तीन मंजिल की 21 दुकानों को ध्वस्त किया। प्रवर्तन जोन-एक की टीम ने जीडीए पुलिस बल के सहारे इस कार्रवाई को अंजाम दिया। आठ बार थाने से पुलिस बल मांगने पर सहयोग न मिलने पर जीडीए की टीम को अकेले कार्रवाई करनी पड़ी। इस कॉलोनी के विकासकर्ता मुकेश त्यागी के खिलाफ पहले से थाना सिहानी गेट में मुकदमा दर्ज है। इस विकासकर्ता के खिलाफ जिला प्रशासन को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा जा चुका है, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई।
जीडीए के ओएसडी संजय कुमार ने बताया कि नूरनगर गांव के खसरा संख्या 578 और 579 में प्राधिकरण से मानचित्र स्वीकृत कराये बिना तीन एकड़ भूमि पर मनोकामना रेजिडेंसी नाम से अवैध कॉलोनी बसाई जा रही थी। पिछले वर्ष मई में यहां अवैध रूप से बन रहे भवन और दुकानों को सील किया गया था। इस कार्रवाई के कुछ दिन बाद निरीक्षण करने पर पाया था कि यहां सील तोड़ कर दोबारा निर्माण कार्य शुरू करा दिया गया। प्लॉटिग भी की जा रही थी। इसके बाद विकासकर्ता को अवैध निर्माण बंद करने का नोटिस दिया गया, लेकिन उसने प्राधिकरण के नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया। इस पर बीते 30 दिसंबर को प्रवर्तन जोन एक की टीम ने 13 निर्माणाधीन भवनों और 21 दुकानों को सील कर दिया था। उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम 1973 के तहत सील किए निर्माणाधीन भवनों और दुकानों को पूरी तरह ध्वस्त कर दिया गया। वहां बनी सड़कों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया।
कॉलोनी में कई अधिकारियों के प्लॉट
मनोकामना रेजिडेंसी में कई पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के प्लॉट हैं। जीडीए सूत्रों ने बताया कि इन्हीं अधिकारियों के दबाव के कारण बार-बार मांगने पर पुलिस बल नहीं मिल रहा था। इस अवैध कॉलोनी के बसने के मामले में सीओ स्तर से जांच कराने की मांग भी की गई थी। जीडीए की इस अर्जी पर भी सुनवाई नहीं हुई।