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साइकिल समेत नाले में गिरा 10वीं का छात्र, मौत

स्कूल से लौट रहा 15 वर्षीय 10वीं का छात्र की नाले में गिरने से मौत हो गई। घटना विजयनगर थानाक्षेत्र के सर्वोदयनगर में शनिवार दोपहर बाद करीब दो बजे की है। बरसात के कारण पानी लबालब भरा हुआ था जिस कारण नाले और सड़क में फर्क नहीं पता चल रहा था। तीन घंटे बाद स्थानीय गोताखोरों ने बच्चे को नाले से निकाला और एमएमजी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीएमएस डॉ. आरके राणा ने बताया कि बच्चे को मृत हालत में ही लाया गया था। परिजनों के कहने पर पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव परिजनों को सौंप दिया। घटना की सूचना पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह सिटी मजिस्ट्रेट यशव‌र्द्धन श्रीवास्तव एसपी सिटी श्लोक कुमार सीओ सिटी फ‌र्स्ट धर्मेंद्र चौहान समेत निगम के भी कई अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 20 Jul 2019 09:10 PM (IST)Updated: Sat, 20 Jul 2019 10:40 PM (IST)
साइकिल समेत नाले में गिरा 10वीं का छात्र, मौत
साइकिल समेत नाले में गिरा 10वीं का छात्र, मौत

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद : स्कूल से लौट रहे 15 वर्षीय 10वीं के छात्र की नाले में गिरने से मौत हो गई। घटना विजयनगर थानाक्षेत्र के सर्वोदयनगर में शनिवार दोपहर बाद करीब दो बजे की है। बरसात के कारण पानी सड़क पर लबालब भरा था, जिस कारण नाले और सड़क में फर्क नहीं पता चल रहा था। तीन घंटे बाद स्थानीय गोताखोरों ने किशोर को नाले से निकाला और एमएमजी अस्पताल ले गए। डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सीएमएस डॉ. आरके राणा ने बताया कि किशोर को मृत हालत में ही लाया गया था। परिजनों के कहने पर पुलिस ने बिना पोस्टमार्टम कराए ही शव परिजनों को सौंप दिया। घटना की सूचना पर एसएसपी सुधीर कुमार सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट यशव‌र्द्धन श्रीवास्तव, एसपी सिटी श्लोक कुमार, सीओ सिटी फ‌र्स्ट धर्मेंद्र चौहान समेत निगम के भी कई अधिकारी मौके पर पहुंचे थे।

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दीपांशु पाल (15) शिवपुरी में परिवार के साथ रहता था और सेंट टेरेसा कॉन्वेंट स्कूल में 10वीं में पढ़ता था। उसके पिता अशोक पाल अशोकनगर स्थित एक फर्म में एकाउंटेंट हैं और मां सोनू दादरी तहसील में सरकारी कर्मचारी हैं। बहन विधि ने इसी साल 12वीं पास की है और 14 वर्षीय छोटा भाई शुभम भी 10वीं में पढ़ता है। शनिवार को बरसात बंद होते ही स्कूल से छुट्टी कर दी गई। शुभम दोस्त के साथ घर गया, जबकि दीपांशु अकेले साइकल लेकर स्कूल से निकला। सर्वोदयनगर में रहने वाले अमित कुमार ने बताया कि बरसात बंद होने के बाद बाहर सड़क पर एक फीट तक पानी भरा हुआ था। वह घर से बाहर आए ही थे कि एक बच्चा साइकल लेकर नाले में गिर गया। उन्होंने बचाने की कोशिश की, लेकिन सेकेंड से पहले वह साइकल समेत नाले में समा गया। पुलिस को दी सूचना में उन्होंने बताया कि सफेद पैंट और पीली टी-शर्ट पहने एक बच्चा नाले में गिरा है। सूचना पर एनडीआरएफ की टीम भी पहुंची थी। बच्चे की तलाश में जुटे स्थानीय गोताखोर कलुआ व भैरों ने उसे नाले से बरामद कर लिया। गिरने के 20-25 मिनट बाद उसकी साइकिल बरामद हो गई थी।

दो घंटे बाद परिजनों को पता चला

दीपांशु नाले में दो बजे के करीब गिरा, जबकि उसके परिजन शाम चार बजे मौके पर पहुंचे। दादा आशाराम ने बताया कि शुभम के घर पहुंचने के 15-20 मिनट बाद वह दीपांशु की तलाश में निकले। चाचा प्रवीन भी उसे ढूंढ़ रहे थे। इसी दौरान किसी ने उन्हें फोन किया तो वह मौके पर पहुंचे। साइकिल से उन्होंने दीपांशु की पहचान की। बाद में अन्य परिजन भी घटनास्थल पहुंचे। उसकी मौत के बाद परिजनों में कोहराम मच गया। वहीं घटना से गुस्साईं महिलाओं ने निगम अधिकारियों और स्थानीय परिजनों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

10 दिन पहले ही तोड़े गए थे नाले

दीपांशु जिस नाले में गिरा, वह विजयनगर का मुख्य और सबसे बड़ा नाला है। 10 फीट चौड़े और करीब 12 फीट गहरे नाले के आसपास इतना अतिक्रमण हो गया कि निकलने की जगह ही नहीं बची। इस कारण इसे आरसीसी से पाट दिया गया। यही नाला अब सड़क के रूप में प्रयोग किया जाता है। लोगों ने सफाई के लिए गुहार लगाई थी, जिसके बाद नाले को 60-70 मीटर की दूरी पर तोड़-तोड़कर सफाई की गई थी। इसके अलावा भी नाले पर मेन होल की तरह कई खुले प्वॉइंट हैं। निगम की सफाई की हकीकत भी फोटो में साफ देखी जा सकती है। तलाश से पहले जेसीबी की मदद से दुबारा नाले की सफाई करनी पड़ी।

'इस रास्ते से नहीं जाता था'

छोटे भाई शुभम ने रोते हुए बताया कि वह स्कूल से घर जाने का रास्ता यह नहीं है। हम रोजाना दूसरी गली से निकलते थे, जो पूरी तरह ठीक है। शनिवार को बारिश के बाद आनन-फानन में स्कूल से निकला तो मैं एक दोस्त संग उसी गली से निकलकर घर चला गया। शुभम के मुताबिक उसे नहीं पता था कि भाई इस रास्ते से आएगा, नहीं तो वह उसके साथ ही आता। स्थानीय लड़कों ने बताया कि उन्होंने भी दीपांशु को मना किया था। मगर वह अनसुना कर निकल गया।

एक माह पूर्व दिलाई थी साइकल

चाचा प्रवीन पाल ने बताया कि दिपांशु बहुत होशियार था और 9वीं क्लास में 83 फीसद अंक आए थे। 10वीं में एडमिशन के बाद जुलाई शुरू होने से पहले ही अशोक ने उसे नई रेंजर साइकिल दिलाई थी। परिजनों के मुताबिक उसके बाएं कान में दिक्कत थी। साथ ही वह कुछ बीमार भी रहता था। इस कारण शुभम के साथ वह इसी साइकिल से रोजाना स्कूल जाता था। दोनों साथ ही लौटते थे।

100 मीटर दूर ढूंढ़ते रहे

दीपांशु गिरा तो उसकी साइकिल बरामद हो गई। मगर न तो उसका कोई सुराग मिला और न ही बैग। लोगों ने बताया कि वे अधिकारियों से वहीं पर ढूंढ़ने को कहते रहे, लेकिन गोताखोरों को लेकर पुलिस व अन्य लोग 100 मीटर दूर चले गए। लोगों को आशंका थी कि जिदा हालत में गिरने के कारण बॉडी तली में बैठ गई होगी। वहीं तीन घंटे बाद घटनास्थल से कुछ ही दूरी पर दीपांशु मिला। दीपांशु को बरामद करने के बाद कहा गया कि उसकी सांस चल रही है। ऐसे में उसे महज 3-4 मिनट की दूरी पर स्थित निजी अस्पताल में क्यों नहीं भर्ती कराया गया। पुलिस उसे एमएमजी अस्पताल लेकर आई, जिसमें 15 मिनट लग गए।

छात्र करीब दो बजे नाले में गिरा था। निगम और प्रशासनिक टीम व स्थानीय गोताखोरों की मदद से उसे तीन घंटे बाद निकाल लिया गया। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराने से इन्कार कर दिया था। कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है।

- सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी।

घटना की जांच के लिए अपर नगर आयुक्त शिव पूजन यादव की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है। यह समिति 24 घंटे में जांच कर रिपोर्ट देगी, जिसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।

- दिनेश चंद्र, नगर आयुक्त।


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