समाज में हर भूमिका निभाने को तैयार नारी, बेटियों को दिखाई तरक्की की राह
दैनिक जागरण द्वारा फीरोजाबाद क्लब में नारी सशक्तीकरण पर कार्यक्रम आयोजित किया। इसमें लोगों की जिज्ञासाएं संपादकीय प्रभारी अवधेश कुमार गुप्त और डीएम नेहा शर्मा ने शांत की। सवालों के जवाब सटीक दिए। इस दौरान चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित किया गया।
कॉमन इंट्रो.. मौका खास था और बातें भी खास हुईं। फीरोजाबाद क्लब के सभागार में दैनिक जागरण के 'नारी सशक्तीकरण' आयोजन के मंच पर सुहाग नगरी की सशक्त नारियों ने खुलकर जवाब दिए। एक आइएएस, एक पत्नी, एक मां और बहू की भूमिका पर खुलकर चर्चा हुई। मुकाम के पीछे की मेहनत के तरीके बताए गए तो मंच पर हुए संवाद से एक सार भी निकला। खुलकर ऐलान किया गया कि अब फीरोजाबाद में बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ में बेटी सिखाओ भी जोड़ा जाएगा, ताकि परिवार का ढांचा मजबूत हो। आयोजन में प्रशासनिक जिम्मेवारी उठाने वालीं और समाज के प्रति दायित्व निभाने वाली महिलाओं को जागरण ने सम्मानित किया। बेटियों ने अपने भविष्य को गढ़ने के लिए अधिकारियों से खुलकर सवाल किए और उन्हें राह दिखाने वाले जवाब भी मिले। जागरण की इस पहल को हर किसी ने सराहा और प्रेरणादायक बताया।
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: 'नारी सशक्तीकरण' आयोजन में सबसे अहम रहा प्रश्न पहर कार्यक्रम। इसमें डीएम नेहा शर्मा ने अपने आइएएस बनने की वजह और संघर्ष की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि बच्चों को आगे बढ़ाने में माता पिता ही प्रेरित करते हैं। उनके माता पिता डॉक्टर हैं, लेकिन उन्होंने जनसेवा के लिए उन्हें आइएएस बनने के लिए प्रेरित किया। तीन वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद उन्हें सफलता मिली। वहीं सीडीओ नेहा जैन ने बताया कि उन्होंने कक्षा चार से ही ये तय कर लिया था कि उन्हें कंप्यूटर इंजीनियर बनना है। ऐसा हुआ भी, लेकिन शादी के बाद वंचितों के लिए कुछ करने का ख्याल आया तो आइएएस की तैयार की और पहले ही प्रयास में उन्हें 12वीं रैंक मिल गई।
एक अधिकारी, पत्नी, बेटी, मां, सास और बहू के दायित्व निभाने के सवाल पर कहा कि भगवान ने महिलाओं को जन्म से बहुत सी भूमिकाएं निभाने की ताकत दी है। डीएम ने कहा उन्हें रात में छापेमारी जैसी कार्रवाई करने से डर नहीं लगता। जब उनसे पूछा गया कि क्या कभी उनके ऊपर बहू हावी होती है तो सभागार ठहाकों से गूंज उठा। दोनों अधिकारियों ने बड़ी ही सहजता से जवाब दिया। सीडीओ ने कहा कि जब नारी सशक्त और शिक्षित होती है तो इस तरह की कोई नौबत नहीं आती, बल्कि ये चीजें ऊपर उठाती हैं। डीएम, सीडीओ ने अपनी-अपनी सास की तारीफ खुले मन से की। बात बेटियों को संस्कारित करने की हुई तो डीएम ने कहा कि भारतीय संस्कृति को अपनाएंगे तो बहुत सी समस्याएं खुद ब खुद खत्म हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि जिले में अब बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के साथ बेटी सिखाने पर भी जोर दिया जाएगा। जब महिला और पुरुष अधिकारियों के कार्यशैली में अंतर का सवाल पूछा गया तो डीएम ने कहा कि दोनों में कोई कमतर नहीं है। दोनों अपनी क्षमताओं से काम कर रहे हैं। उन्हें जिले में अच्छी टीम मिली है। प्रश्न पहर में जागरण के संपादकीय प्रभारी अवधेश कुमार गुप्त भी मौजूद रहे। संचालन जिला प्रभारी डॉ. राहुल ¨सघई ने किया।