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सारथी बनीं महिलाएं, दौड़ाई नेताजी एक्सप्रेस

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर ट्रेन को कानपुर ले गई महिला स्टाफ लोको पायलट से लेकर गार्ड आरपीएफ स्टाफ में थीं महिलाएं।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Mar 2021 05:59 AM (IST)Updated: Tue, 09 Mar 2021 05:59 AM (IST)
सारथी बनीं महिलाएं, दौड़ाई नेताजी एक्सप्रेस
सारथी बनीं महिलाएं, दौड़ाई नेताजी एक्सप्रेस

संवाद सहयोगी, टूंडला(फीरोजाबाद): ट्रेन क्या उनकी शक्ति से अंतरिक्ष भी अछूता नहीं रहा है। जीवन का हर रंग उनके हौसले की गवाही है। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर उनके सफर को रेलवे ने भी सलाम किया। टूंडला रेलवे स्टेशन पर नेताजी एक्सप्रेस को ले जाने की जिम्मेदारी महिलाओं को सौंपी गई।

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नेताजी एक्सप्रेस (कालका मेल) के लिए सोमवार का दिन खास रहा। इस ट्रेन को कानपुर तक ले जाने की जिम्मेदारी महिला स्टाफ को सौंपी गई थी। अर्चना सिंह को लोको पायलट और निधि शुक्ला उनकी सहायक बनीं। गार्ड आरती तो टीटीई पुष्पा देवी, चंद्रवती देवी, भगवानश्री ने चेकिग की जिम्मेदारी संभाली। यात्रियों की सुरक्षा को आरपीएफ कांस्टेबल सूरजबाई मीणा, नेहा राज, योगिता व बबिता थी। ट्रेन के निर्धारित समय से पांच मिनट पहले 9.40 बजे प्लेटफार्म नंबर तीन पर पहुंचते ही इस स्टाफ ने ट्रेन की कमान संभाल ली। एनसीसी कैडेट्स ने महिला स्टाफ को गुलाब का फूल देकर महिला दिवस की शुभकामनाएं दीं। डीटीएम जे संजय कुमार समेत स्टाफ ने स्वागत किया। डिप्टी एसएस रजनी सिंह के हरी झंडी दिखाते ही ट्रेन चल पड़ी और कुछ ही देर में प्लेटफार्म से ओझल हो गई। - महिला दिवस के अवसर पर महिला रेलकर्मियों के स्टाफ ने कानपुर तक ट्रेन को संचालित कर आज पुरुष प्रधान देश में मिसाल पेश की है।

जे.संजय कुमार

मंडल यातायात प्रबंधक

टूंडला

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आज का दिन मेरे लिए बहुत ही खास है। आज मुख्य लोको पालयट बनकर समाज की सभी महिलाओं को ये संदेश दिया है महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से कम नहीं हैं।

-अर्चना सिंह

लोको पायलट

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रेलवे में नौकरी तो काफी वक्त से कर रहे हैं, लेकिन हर बार कोई पुरुष ही साथ में होता था। आज पहली बार हम सभी महिलाएं ही ट्रेन में हैं। इस प्रयोग का हिस्सा बनकर काफी अच्छा महसूस कर रहे हैं।

निधि शुक्ला

सहायक लोको पायलट

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आज पहली बार महिला सशक्तिकरण को महसूस कर रहे हैं। काफी वक्त से नौकरी कर रहे हैं, लेकिन हर बार साथ में पुरुष होते थे। आज जब हम सभी महिलाएं हैं तो आत्मविश्वास जगा है कि महिलाएं अकेले भी बड़े से बड़ा काम कर सकती हैं।

-आरती सिंह

गार्ड

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आज पहली बार ऐसा हुआ है जब हमारे दल में कोई पुरुष नहीं है, ऐसे में नारी सशक्तिकरण के भाव में आज पूर्णता का अहसास हुआ है।

-पुष्पा देवी

टिकट निरीक्षक


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