टूंडला रेलवे में घोटाले की जांच को विजिलेंस टीम का डेरा
टूंडला (फीरोजाबाद) संस। रेल चालकों व गार्डो के आराम को रनिग रूम के निर्माण रखरखाव में बड़े घोटाले की शिकायत पर इलाहाबाद की विजिलेंस टीम ने डेरा डाल दिया है। दोपहर में पहुंची टीम ने संबंधित लोगों से पूछताछ की और कागजात भी मंगाए। जांच को लेकर रेलवे अधिकारियों में खलबली मची है।
संवाद सहयोगी, टूंडला (फीरोजाबाद): रेल चालकों व गार्डो के आराम को रनिग रूम के निर्माण, रखरखाव में बड़े घोटाले की शिकायत पर इलाहाबाद की विजिलेंस टीम ने डेरा डाल दिया है। दोपहर में पहुंची टीम ने संबंधित लोगों से पूछताछ की और कागजात भी मंगाए। जांच को लेकर रेलवे अधिकारियों में खलबली मची है।
लाइन पार क्षेत्र स्थित रेल परिसर में रनिग रूम का निर्माण कराया गया था। इसका लोकार्पण रेलवे बोर्ड के चेयरमैन अश्वनी लोहानी ने दिसंबर 2017 में किया था। लगभग ढाई करोड़ की लागत से बने रनिग रूम में एक साथ 144 स्टाफ के ठहरने की व्यवस्था है। इसका रखरखाव प्राइवेट कंपनी को दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक लगभग ढाई लाख रुपये प्रतिमाह देखरेख पर खर्च होते हैं।
रेलवे द्वारा कराए गए निर्माण कार्य पर उंगलियां उठने लगीं। निर्माण में करोड़ों के घोटाले की शिकायत जब ऊपर तक पहुंची तो गुरुवार को विभाग के निर्देश पर दो सदस्यीय विजिलेंस टीम चीफ विजिलेंस इंस्पेक्टर बृजेश स्मिथ के नेतृत्व में रनिग रूम पहुंची। टीम ने निर्माण कार्य संबंधी दस्तावेजों की जांच की। अधिकारियों से भी वार्ता कर दस्तावेज एकत्रित किए। टीम ने जागरण को इतना ही बताया कि मेंटीनेंस, हाउस कीपिग, रनिग रूम के निर्माण कार्यों में गड़बड़ी की जांच करने के लिए यहां आए हैं। भवनों के निर्माण में कितनी राशि खर्च हुई और कितना भुगतान किया गया है। इसकी पूरी जानकारी की जाएगी। मेंटीनेंस और हाउस कीपिग के ठेके के बारे में भी पड़ताल की जा रही है। विजिलेंस टीम के आने बाद रेलवे अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं।
डीटीएम समर्थ गुप्ता और पीआरओ रेलवे सुनील गुप्ता का कहना है कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। टीम द्वारा हमें किसी प्रकार की जानकारी नहीं दी गई है।