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सपा के गढ़ में चाचा की चुनौती, भतीजे से होगा संग्राम

फीरोजाबाद जासं। सूबे के सबसे बड़े सियासी घराने में बिखराव के बाद अब टकराव होगा। प्रसपा से शिवपाल सिंह फीरोजाबाद से प्रत्याशी घोषित किए गए हैं। उनका मुकाबला भतीजे अक्षय यादव से होगा।

By JagranEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 11:03 PM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 11:03 PM (IST)
सपा के गढ़ में चाचा की चुनौती, भतीजे से होगा संग्राम
सपा के गढ़ में चाचा की चुनौती, भतीजे से होगा संग्राम

जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: सूबे के सबसे बड़े सियासी घराने में बिखराव के बाद अब टकराव की पटकथा तैयार है। बागियों के रथ पर चाचा शिवपाल यादव की प्रसपा द्वारा घोषणा की औपचारिकता मंगलवार को पूरी हो गई। प्रसपा के राष्ट्रीय महासचिव और शिवपाल के बेटे आदित्य यादव ने लखनऊ में सूची जारी कर दी। सपा का गढ़ रही सुहागनगरी इस बार चाचा-भतीजे के संग्राम के चलते सबकी निगाहों में चढ़ गई है।

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प्रदेश का फीरोजाबाद जिला इटावा और मैनपुरी के बाद सपा का गढ़ रहा है। शिकोहाबाद में पढ़े मुलायम सिंह यादव यहीं से विधायक बनकर मुख्यमंत्री बने तो अखिलेश यादव ने फीरोजाबाद सीट से 2009 में सांसद बने। प्रो.रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव 2014 में भाजपा के विजयी अभियान को मात देकर लोकसभा पहुंचे। पिछली विधानसभा चुनाव से पहले सैफई परिवार में शुरू हुई सियासी कलह विघटन में बदल गई। मुलायम के सगे छोटे भाई शिवपाल यादव ने प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठन किया। पार्टी की घोषणा के बाद रोड शो में ताकत दिखाई और फिर भतीजे अक्षय यादव के सामने चुनावी मैदान में उतरने का एलान कर दिया।

एक तरफ सांसद अक्षय यादव सपा और बसपा गठबंधन की ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरेंगे, वहीं शिवपाल यादव सपा के बागियों की ताकत के साथ मोर्चा लेने को तैयार हैं। पांच विस क्षेत्र वाले जिले में शिकोहाबाद, सिरसागंज और जसराना सपा के गढ़ माने जाते हैं। इनमें से सिरसागंज के सपा विधायक हरिओम यादव ने प्रो. रामगोपाल यादव और उनके सांसद पुत्र अक्षय के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। - एक समय एक सड़क पर खुले कार्यालय: चुनावी अधिसूचना से पहले ही दोनों के चुनावी कार्यालय खुल चुके हैं। शहर में नगला बरी क्षेत्र में गठबंधन प्रत्याशी अक्षय यादव का कार्यालय खोला गया था। इसी क्षेत्र में शिवपाल सिंह ने कार्यालय खोल दिया। दोनों के बीच की दूरी बमुश्किल सौ मीटर है।

--अपने गढ़ में अपनों से चुनौती. 2014 में सपा शिकोहाबाद 29 हजार, सिरसागंज से 73 हजार और जसराना से 46 हजार की बढ़त मिली थी। अबकी बार हालात चुनौती भरे हैं। सिरसागंज के सपा विधायक बागी होकर प्रसपा की गोद में हैं तो जसराना के चार बार के विधायक रहे रामवीर सिंह भाजपा में जा चुके हैं। शिकोहाबाद में पार्टी को अपनों से चुनौती मिल रही है। हालांकि इस बार सपा के साथ बसपा का गठबंधन है और टूंडला व शहर में बसपा का खासा वोट बैंक है।


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