दो महीने बाद खुला प्रदूषण की जांच का ताला
दो महीने बाद खुला प्रदूषण की जांच का ताला
जागरण संवाददाता, फीरोजाबाद: लॉकडाउन पीरियड में हवा की सेहत में काफी सुधार हुआ है, जिससे लोग खुली हवा में सांस ले पा रहे हैं। लॉकडाउन में व्यवसायिक गतिविधियां थमने के प्रदूषण की जांच पर भी ताला लग गाया। सरकार के आदेश पर सीडीजीआइ ने प्रदूषण की जांच शुरू कर दी है। वर्तमान में वायु प्रदूषण की क्या स्थिति है, इसके जल्द ही आंकड़े सामने आएंगे।
सुहागनगरी में लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण लोगों का खुली हवा में सांस लेना भी मुश्किल हो गया था। कांच व चूड़ी उद्योग के साथ हाईवे, सर्विस रोड, प्रमुख मार्गों पर कोयले से सुलगती भट्टियां वायु प्रदूषण बढ़ाने में अहम भूमिका निभा रही थीं। सड़कों पर 15 साल पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। हाईवे पर राजा का ताल से लेकर मक्खनपुर तक सिक्सलेन निर्माण कार्य चल रहा था, जिससे दिनभर धूल के गुबार उड़ने के कारण प्रदूषण का ग्राफ तीन गुना तक बढ़ गया था। 25 मार्च से लॉकडाउन के बाद टीटीजेड में संचालित समस्त कांच, चूड़ी, एक्सपोर्ट, पैकेजिग, डेकोरेशन की समस्त इकाइयों में शटडाउन हो गया, जिससे पीएम-10 के मानक में खासी गिरावट आई है। पीसीबी द्वारा मार्च माह में जारी रिपोर्ट में वायु प्रदूषण काफी कम होने के तथ्य सामने आए थे।
सरकार द्वारा 20 मई से 33 फीसद स्टॉफ के साथ सभी कार्यालय खोलने के आदेश जारी कर दिए हैं। सरकार का आदेश जारी होते ही कांच उद्योग विकास केंद्र (सीडीजीआइ) का भी ताला खुल गया। विभाग द्वारा राजा का ताल, स्टेशन रोड व तिलक नगर में लगे उपकरणों के माध्यम से वायु प्रदूषण के आंकड़े एकत्रित करना शुरू कर दिया है।
लॉकडाउन के चलते दो माह से वायु प्रदूषण के आंकड़े नहीं मिल पा रहे थे। सरकार का आदेश जारी होने के बाद सीडीजीआइ ने तीनों स्थानों पर उपकरणों की मदद से आंकड़े एकत्रित करना शुरू कर दिया है। माह के अंत तक आंकड़े मिलने की उम्मीद है।
-मनोज कुमार चौरसिया, क्षेत्रीय अधिकारी पीसीबी